निर्माण शुरू होते ही सीवेज प्लांट को लगा भ्रष्टाचार का दीमक
नगर में सीवर लाइन बिछाने व ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की कवायद शुरू होते ही भ्रष्ट
बलरामपुर :
नगर में सीवर लाइन बिछाने व ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की कवायद शुरू होते ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। जलनिकासी की समस्या से निजात दिलाने के लिए बिछ रही लाइन में डाली जाने वाली पाइप बहुत पतली है। गुणवत्ताविहीन पाइप जलप्रवाह के वेग को नहीं झेल सकेगी। पाइपलाइन मजबूत न होने से स्थिति विकराल हो सकती है। प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत 123 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का जिम्मा कार्यदायी संस्था सीएनडीएस के नलकूप विग को सौंपा गया है। कार्य शुरू होने के बाद से आला अधिकारियों ने जांच करना मुनासिब नहीं समझा। -कार्यदायी संस्था सीएनडीएस के नलकूप विग को पहली किस्त में 61 करोड़ 88 लाख रुपये मिल चुके हैं। सीवर लाइन के लिए खोदाई शुरू होने से नगरवासियों को जलभराव से निजात मिलने की उम्मीद जगी है। उम्मीद के परवान चढ़ते ही भ्रष्टाचार ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। नगर के आनंदबाग से बिछ रही लाइन में डाली जा रही पाइप की मोटाई काफी कम है। इससे पानी का दबाव बढ़ने पर ओवरफ्लो होने की संभावना है। सीवर लाइन से जुड़ेंगे सभी मकान :
-सीवेज प्लांट में नगर में निकलने वाले गंदे पानी का शोधन करने के लिए मेवालाल तालाब व कालीथान गांव के बीच में 4000 वर्गमीटर एवं विशुनापुर में 2500 वर्गमीटर जमीन मिली है। दोनों स्थानों पर शोधित प्लांट लगना प्रस्तावित है। इसके बाद शोधित पानी चांदे ताल में गिराया जाएगा, जो सीधे राप्ती नदी में जाकर मिलेगा। यही नहीं, ठोस अपशिष्ट से जैविक खाद तैयार की जाएगी। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने के बाद 100 किलोमीटर के दायरे में पाइपलाइन तैयार होगी। पहले चरण में 29 किलोमीटर पाइपलाइन तैयार की जाएगी। इससे नगर के सभी घरों को जोड़ा जाएगा। कराई जाएगी जांच :
-अधिशासी अभियंता जल निगम मनोज कुमार सिंह का कहना है कि सीवर लाइन प्रोजेक्ट की शुरुआत हो गई है। कार्यदायी संस्था को तेजी से कार्य कराने का निर्देश दिया गया है। पाइप की गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी।