कोरोना की दूसरी लहर, गांव-शहर में बरपा रही कहर
संक्रमण से शिक्षा विभाग को तगड़ा झटका चारों नगर निकायों में 140 ने मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए किया आवेदन
अमित श्रीवास्तव, बलरामपुर :
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने शहर व गांव दोनों पर कहर बरपाया है। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग की अधिक क्षति हुई है। महामारी ने 23 शिक्षकों को छीन लिया। शिक्षकों को आर्थिक सहायता मिलने में भी पेच है। जिले में अब तक 116 की मौत स्वास्थ्य विभाग बता रहा है। जबकि चारों नगर निकायों से मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए 140 लोगों ने आवेदन किया है, जो कोरोना से मौतों के सरकारी आंकड़ों के दावों की पोल खोल रहे हैं।
कोविड-19 की चेन तोड़ने के लिए आंशिक कोरोना कर्फ्यू 24 मई तक बढ़ा दिया गया है। बिना मास्क के बाहर निकलने वालों से पुलिस एक से 10 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूल कर रही है। गांव-गांव सैनिटाइजेशन का अभियान चल रहा है। इसके बाद भी संक्रमितों के निकलने का सिलसिला नहीं थम रहा है। जिला कारागार में ही 100 से अधिक बंदी पॉजिटिव हैं। संक्रमित मिलने के साथ एल-टू अस्पताल में दो से पांच लोग दम तोड़ रहे हैं। इसके अलावा गांवों से भी मरने वालों की सूचनाएं नियमित मिल रही हैं। जो स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े में नहीं है। सीएमओ डा. विजय बहादुर सिंह का कहना है कि एल-टू अस्पताल में जिनकी मौते हुई है। उनका डाटा उपलब्ध है। आर्थिक सहायता में भी पेच :
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. रामचंद्र ने जिला पंचायत राज अधिकारी को 23 लोगों की सूची दी है। इसमें एक अनुचर व एक लिपिक भी शामिल है। इसमें 20 की मौत कोरोना संक्रमण के कारण पंचायत चुनाव के दौरान हुई है। एक की किडनी की बीमारी व एक की जान मार्ग दुर्घटना से गई है। एक की शिक्षक मार्ग दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल है। मृतक शिक्षकों के परिवारजन को आर्थिक सहायता दिलाने के लिए विभाग ने सूची दी है। जिला पंचायत राज अधिकारी नीलेश प्रताप सिंह का कहना है कि आर्थिक सहायता मतदान प्रशिक्षण, मतदान या मतगणना के दौरान मौत होने का प्रमाण मिलने पर 30 लाख और घायल को 15 लाख रुपये मिलेगा।
नगर निकायों में प्रमाण पत्र के लिए आवेदन :
- चारों नगर निकायों में अप्रैल से अब तक मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 140 लोगों ने आवेदन किया है। इसमें सबसे अधिक आवेदन 95 नगर पालिका परिषद बलरामपुर में है। एक से 14 मई तक उतरौला में 26 व पचपेड़वा में 17 लोगों ने आवेदन किया है। तुलसीपुर में अप्रैल से अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है। इनके सापेक्ष महज दो लोगों ने आवेदन किया था, जिनका पंजीयन हो चुका है।