नोटिस बेअसर, राइस मिलर्स डकारे बैठे चार करोड़ का चावल

समर्थन मूल्य योजना के तहत खरीदे गए धान का चावल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 10:39 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 10:41 PM (IST)
नोटिस बेअसर, राइस मिलर्स डकारे बैठे चार करोड़ का चावल
नोटिस बेअसर, राइस मिलर्स डकारे बैठे चार करोड़ का चावल

बलरामपुर : समर्थन मूल्य योजना के तहत खरीदे गए धान का चावल तैयार कर मिलर्स डकार लिए हैं। जिले की पांच राइस मिलर्स के पास सरकार का 1500 मीट्रिक टन चावल है। इसे लौटाने को मिलर्स तैयार नहीं है। इसकी कीमत चार करोड़ रुपये है। चावल लेने के लिए जारी नोटिसों का असर मिलर्स पर नहीं पड़ रहा है। मिलर्स केंद्रों से धान की आपूर्ति तय तिथि के बाद देने के कारण चालान न जेनरेट होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं। जिले में पिछले वर्ष 15 अक्टूबर से 28 फरवरी तक धान की खरीद हुई थी। 29 केंद्रों पर किसानों से धान की खरीद की गई थी। किसानों से खरीदे गए धान की आपूर्ति अनुबंधित राइस मिलर्स को की गई। मिलर्स धान की कुटाई करके चावल एफसीआइ को तय मानक के अनुरूप देने का नियम है। धान खरीद के दौरान ही केंद्रों से उठान को लेकर कई बार हल्ला मचा। चावल की रिकवरी कम आने पर मिलर्स ने कुटाई करने से भी मना कर दिया था। मिलर्स के साथ बैठक कर धान की उठान कराकर खरीद शुरू कराई गई थी। अब चावल न देने का नया मामला सामने आया है। भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे किसान :

यूपी कोआपरेटिव फेडरेशन लि. (पीसीएफ) ने 23 केंद्रों पर 14937.253 एमटी की खरीद की थी। खरीदा गया धान पांच राइस मिलर्स निरंकार राइस मिल गिलौला, गणेश प्रसाद जमुना प्रसाद भगवतीगंज, कमालुद्दीन एंड संस जैतापुर, मौर्या राइस मिल भगवतीगंज व अंबे राइस मिल भगवतीगंज को आपूर्ति कर दी। राइस मिलों से 8152.869 एमटी चावल लौटाया भी गया है। इसके बाद का 1500 एमटी चावल मिलर्स के पास है। चावल वापस न करने से 150 किसानों का करीब एक करोड़ रुपया फंसा है। किसान राम शरन, अहमद उल्ला खां, संजय, ओम प्रकाश का कहना है कि श्रीदत्तगंज ब्लाक के खरदौरी क्रय केंद्र पर धान की तौल कराई थी, लेकिन अब तक भुगतान नहीं हुआ है। पीसीएफ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।

नोटिस के बाद भी नहीं दिया चावल :

पीसीएफ प्रबंधक जेएल दोहरे का कहना है कि पांचों राइस मिलर्स को नोटिस जारी की गई है, लेकिन अब तक चावल की आपूर्ति नहीं की है। चार करोड़ का चावल मिलर्स के पास है। इसीलिए किसानों का भुगतान फंसा है।

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