मरीजों की बढ़ी तादाद, नहीं सुधर रहे हालात
बलरामपुर : संयुक्त जिला चिकित्सालय में मंगलवार को हुए हंगामे के बाद भी यहां के हालात सुधर
बलरामपुर : संयुक्त जिला चिकित्सालय में मंगलवार को हुए हंगामे के बाद भी यहां के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। बरसात के बाद संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने से यहां मरीजों की तादाद तो बढ़ रही है, लेकिन चिकित्सकों के नदारद रहने से उन्हें इलाज के लिए हलकान होना पड़ता है। यही नहीं अस्पताल में भर्ती मरीज के तीमारदारों को भी दवाओं के लिए भटकना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन भले ही बेहतर चिकित्सीय सेवाएं देने का दम भर रहा हो, लेकिन 32 चिकित्सकों के सापेक्ष महज छह की तैनाती ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। उच्चाधिकारी यहां की बदहाली को दूर करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, जिससे मरीजों का दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। प्रस्तुत है एक रिपोर्ट--
²श्य एक : समय 10.05 बजे। चिकित्सक डॉ. एपी मिश्र की कुर्सी खाली मिली। सर्जन डॉ. आरपी मिश्र व उनके बगल डॉ. अरुण कुमार का भी कक्ष खुला था, लेकिन वह नदारद थे। डॉ. एनके वाजपेई के कक्ष में मरीज बैठे उनके आने का इंतजार करते दिखे। चिकित्सकों के कक्ष के बाहर मरीजों की भीड़ जुटी रही। ²श्य दो : समय 10.20 बजे। अस्पताल परिसर में स्थित जन औषधि केंद्र बंद मिला। श्यामराजी व फूलमती दवा का पर्चा लिए इधर-उधर भटकती मिलीं। बताया कि उसकी पांच साल की बच्ची का ऑपरेशन हुआ है, जो अस्पताल में भर्ती है। दवा काउंटर पर दवा उपलब्ध नहीं है। ²श्य तीन : समय 10.25 बजे। बलदेवनगर निवासी धर्मराज वर्मा ने बताया कि माताजी का इलाज कराने आए थे। एक घंटे से डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे हैं। सोनपुर निवासी रमेश ने बताया कि पत्नी मंजू को जाड़ा व बुखार की शिकायत है। डॉक्टर का इंतजार कर रहे हैं। भगतीगंज निवासी छोटू व गोमती भी डॉक्टर का इंतजार करते मिले। जिम्मेदार के बोल :
-सीएमएस डॉ. राजेश मोहन गुप्त का कहना है कि डॉक्टर भर्ती मरीजों की जांच के लिए राउंड पर थे, जिससे मरीजों को इंतजार करना पड़ा। चिकित्सकों के 32 पद सृजित हैं, जिनमें से छह की तैनाती है। सभी चिकित्सकों को समय से बैठने की हिदायत दी गई है।