रामराज बैठे त्रैलोका, हरषित भए गए सब शोका
मुनि वशिष्ठ के तिलक करते ही श्रीराम के जयकारे के साथ दर्शक झूमने लगते हैं
बलरामपुर : प्रथम तिलक वशिष्ठ मुनि कीन्हां, पुनि सब विप्रन्ह आयसु दीन्हा, सुत विलोक हरषीं महतारी, बार-बार आरती उतारी। मुनि वशिष्ठ के तिलक करते ही श्रीराम के जयकारे के साथ दर्शक झूमने लगते हैं।
सादुल्लाहनगर व श्रीदत्तगंज में बुधवार रात में श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद रामलीला मंचन का समापन हो गया। सादुल्लाहनगर में चल रही रामलीला में प्रभु श्रीराम 14 वर्ष का वनवास बिताकर अयोध्या लौटते हैं। अयोध्या वासियों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। राजतिलक के बाद राज माताओं ने भगवान श्रीराम की आरती कर आशीर्वाद दिया। दर्शकों ने राजा श्रीराम पर पुष्प वर्षा कर जयकारे लगाए। रामराज बैठे त्रैलोका, हरषित भए गए सब शोका के साथ ही 19 दिवसीय रामलीला मंचन समाप्त हो गया। समिति अध्यक्ष रमेश चंद तिवारी ने भगवान का तिलक कर आशीर्वाद प्राप्त किया। महामंत्री दीपचंद जायसवाल ने मुख्य अतिथि को अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया। शिवकुमार सक्सेना, विनोद मिश्र, बहरैची प्रसाद, विष्णु गुप्त, राधेश्याम गुप्त, दिनेश गुप्त, प्रेमचंद्र सोनी, जग प्रसाद, अवधेश कुमार, रमाकांत व राजेश विश्वकर्मा मौजूद रहे। श्रीदत्तगंज के सोमनाथ मंदिर में रामलीला मंचन में भरत मिलाप व प्रभु रामचंद्र का राज्याभिषेक प्रसंग दिखाया गया। मनमोहक प्रसंग देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए। महंत जितेंद्र वन, अध्यक्ष अनूप सिंह, उपाध्यक्ष देव प्रकाश गुप्त, मनीष गुप्त, राहुल जायसवाल, दीनदयाल जायसवाल, मथुरा प्रसाद, गोमती प्रसाद जायसवाल, कामता प्रसाद मौर्य, जगराम वर्मा मौजूद रहे।