पजौवा तालाब का हो जाए विस्तार, अगर चेत जाएं जिम्मेदार
राज परिवार ने कराई थी तालाब की खोदाई सुंदरीकरण की दरकार
बलरामपुर : नगर में तालाबों की श्रृंखला है। तालाबों के नाम से ही कई मुहल्ले हैं जो उनकी उपयोगिता की गवाही हैं। राज परिवार ने जब बलरामपुर शहर बसाया तो जलसंचयन व जलनिकासी की सु²ढ़ व्यवस्था की। इसके लिए तालाब का निर्माण कराया, लेकिन आधुनिकता की दौड़ में दायरा कम होने लगा। वहीं, नगर का पजौवा तालाब भी इसी का शिकार हो गया है। गर्मी में भी लबालब पानी भरा रहता है। तालाब के चारों तरफ लोगों ने मकान बना लिया है। घरों की नाली का मुंह इसी में खोल रखा है। इससे पानी दूषित हो रहा है। अतिक्रमण के कारण तालाब का क्षेत्रफल कम हो गया है। जलकुंभी से पट गया है। इसके सुंदरीकरण को लेकर जिम्मेदार आगे नहीं आ रहे हैं।
कालोनी निवासी केके तिवारी, बाबी सिंह, चंदू व अमरेंद्र मिश्र का कहना है कि बुजुर्ग बताते हैं कि पहले पजौवा में लोग स्नान करते थे। जानवरों की प्यास बुझाने के लिए बहुत उपयोगी था, लेकिन आज उल्टा हो गया है। तालाब में पानी हर मौसम में रहता है। तालाब के किनारे मकानों का निर्माण हो जाने से वहां तक लोग आसानी से नहीं पहुंच पाते हैं। गंदगी के कारण जानवर भी पानी पीने से कतराते हैं। तालाब की जमीन कब्जा मुक्त कराने के साथ उसे सरोवर के रूप में विकसित कर आज भी इसे उपयोगी बनाया जा सकता है। नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि शाबान अली का कहना है कि बोर्ड बैठक में इसके सुंदरीकरण का प्रस्ताव किया जाएगा। सफाई कराकर इसके पानी को जानवरों के पीने लायक बनाया जाएगा।