रास नहीं आ रही दाखिल-खारिज की ऑनलाइन व्यवस्था

पोर्टल के पेमेंट गेटवे में तकनीकी खामी से आवेदक हलकान नवंबर के बाद से बंद है ऑफलाइन आवेदन

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 10:15 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 10:15 PM (IST)
रास नहीं आ रही दाखिल-खारिज की ऑनलाइन व्यवस्था
रास नहीं आ रही दाखिल-खारिज की ऑनलाइन व्यवस्था

बलरामपुर : नगर पालिका में दाखिल-खारिज कराने के लिए शुरू हुई ऑनलाइन व्यवस्था परवान नहीं चढ़ पा रही है। पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण होने के बाद भी लोगों को नगर पालिका का चक्कर काटना पड़ रहा है।

नगर क्षेत्र में स्थित संपत्ति के नामांतरण व वरासत के लिए लोगों के ऑनलाइन आवेदन में भी मुश्किलें आ रही हैं। आवेदन हो भी गया, तो नगर पालिका परिषद (नपाप) के अधिकारी पोर्टल लॉक होने की दुहाई देते हैं। ऐसे में, घर बैठे मोबाइल व जनसेवा केंद्रों के माध्यम से पंजीकरण के बाद भी लोगों को नपाप कर्मियों की खुशामद करनी पड़ती है।

नगर पालिका क्षेत्र स्थित संपत्ति का दाखिल खारिज कराने के लिए लोगों को महीनों कार्यालय का चक्कर काटना पड़ता था। सभी आवश्यक अभिलेख एकत्रित करने के बाद नामांतरण पत्रावली तैयार करने में लोगों को परेशानियां झेलनी पड़ती थीं।

यही नहीं, नपाप के कर्मी भी आवेदकों से मनमानी रकम वसूल करते थे। इस पर लगाम लगाने के लिए शासन ने नवंबर के बाद से नगर पालिका में दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके अलावा व्यवसायियों के लाइसेंस, जल संयोजक के लिए भी यही व्यवस्था लागू हुई। नई व्यवस्था ठीक तरह अमल में ही नहीं आई थी, कि तकनीकी खामियों की भेंट चढ़ गई। ऐसे में ऑफलाइन व्यवस्था भी समाप्त हो जाने से अब लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

नागरिकों ने बयां किया दर्द :

- नगर के खलवा मुहल्ला निवासिनी मंजू गुप्ता व संतोष गुप्त ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन के बाद दस जनवरी को दाखिल खारिज के लिए नपाप कार्यालय में रसीद कटवाई थी। नोटिस, इश्तिहार व नकल के लिए डेढ़ माह से नपाप कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कर्मी पोर्टल लॉक होने की बात कहकर लौटा देते हैं। पूरबटोला निवासी मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि वरासत कराने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करना है। कई बार प्रयास किया, लेकिन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। कार्यालय में ऑफलाइन व्यवस्था समाप्त होने की बात कही जाती है।

शासन को भेजा पत्र :

- कर निरीक्षक हर्षित मिश्र का कहना है कि दाखिल खारिज के लिए ऑनलाइन पंजीकरण ही एक विकल्प है। पोर्टल के पेमेंट गेटवे में कुछ तकनीकी खराबी हो जाने के कारण व्यवस्था प्रभावित है। इसके बारे में शासन को पत्र भेजा गया है।

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