उर्वरक विक्रेता खेती किसानी का पाठ पढ़ बांटेंगे 'ज्ञान'
बलरामपुर विक्रेता बताएंगे खाद प्रयोग का तरीका कृषकों को करेंगे जागरूक।
अमित श्रीवास्तव, बलरामपुर :
अधिक उत्पादन के लिए किसान उर्वरक अधिक मात्रा में डालते हैं। इससे पैदावार पर असर पड़ता है। साथ ही खाद को लेकर अधिक मारामारी भी रहती है। इसे देखते हुए अब खाद विक्रेताओं को खेती किसानी का ज्ञान देने की कवायद शुरू की गई है। विक्रेता खाद लेने आने वाले कृषकों को प्रयोग करने का तरीका और मात्रा के साथ लाभ एवं हानि बताएंगे। ऐसे 501 विक्रेताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिले में 718 उर्वरक विक्रेता हैं। इसमें 150 विक्रेता शिक्षित हैं। 55 प्रशिक्षित हैं। 501 को प्रशिक्षण देने की तैयारी चल रही है। विक्रेताओं को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य किसानों को फसल के हिसाब से खाद और कीटनाशक दवाओं के प्रयोग की जानकारी दे सकें। इससे कृषकों को किसी तरह का भ्रम नहीं रहेगा। प्रशिक्षण के लिए विक्रेताओं को 12500 रुपये फीस के रूप में जमा करना होगा। कृषि वैज्ञानिक मौसम के हिसाब से फसल की देख रेख, खाद डालने का सही समय, मात्रा व रासायनिक दवाओं के प्रयोग का पाठ विक्रेताओं को पढ़ाएंगे। किसानों के जागरूक होने से उत्पादन में सुधार होगा। 10वीं पढ़े को ही मिलेगा लाइसेंस :
- शिक्षित लोगों को ही उर्वरक बेचने का लाइसेंस मिलेगा। बीएससीएजी, रसायन शास्त्र से स्नातक को वरीयता दी जाएगी। न्यूनतम 10वीं पढ़ा होना चाहिए। 2019 से ही यह व्यवस्था लागू है। पुराने उर्वरक विक्रेताओं को 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले इसकी फीस 20 हजार रुपये थी। एक साल में प्रशिक्षण पूरा कराया जाता था। अब 12500 रुपये कर दी गई है। प्रशिक्षित व्यक्ति ही खाद की बिक्री कर सकेगा। प्रशिक्षण न लेने वालों के लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। - आरपी राना, जिला कृषि अधिकारी
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नंबर गेम :
- 718 निजी उर्वरक विक्रेता
- 150 है शिक्षित
- 501 को दिया जाएगा प्रशिक्षण
- 12,500 देनी होगी फीस