कटान की तेज रफ्तार ने बढ़ाई ग्रामीणों की धुकधुकी
बारिश थमने के बाद राप्ती नदी का जलस्तर घटने के साथ कटान तेज हो गई।
बलरामपुर : बारिश थमने के बाद राप्ती नदी का जलस्तर घटने के साथ कटान तेज हो गई। कटान की तेज रफ्तार से नदी के तट पर बसे दस से अधिक गांवों पर खतरा मंडराने लगा है। कटान रोकने के उपाय नाकाफी साबित होने से ग्रामीणों की धुकधुकी बढ़ गई है। गौरा-उतरौला मार्ग स्थित पिपरा पुल के पास नदी की कटान तेज होने से एप्रोच मार्ग भी कटने की आशंका है। वहीं करीब 20 एकड़ में लगी 25 किसानों के धान व गन्ने की फसल कटान की जद में है। कटान की रफ्तार देख बाढ़ खंड के अभियंताओं ने भी हाथ खड़े कर लिए हैं।
इन गांवों पर मंडरा रहा खतरा :
-राप्ती नदी चेतावनी बिदु से नीचे आ गई है, लेकिन घट रहे जलस्तर से तटवर्ती गांवों को खतरा है। क्षेत्र के भड़वलिया, आबर, रोवारी, घोसियार, महरी, नैनसुखवा, नौबस्ता, रामनगर, नरायनपुर मझारी, करमहना गांव कटान की जद में हैं। क्षेत्र के कोल्हुई गांव निवासी मनीष कुमार सिंह, मनोज कुमार, शेषराम, अजय कुमार का कहना है कि की धान व गन्ने की फसल नदी की धारा में बह गई है। बाढ़ खंड के अभियंताओं ने कटान रोकने के नाम पर बासं-बल्ली बहा दी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
बचाव के होंगे हर संभव प्रयास :
-जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश का कहना है कि बाढ़ खंड के अभियंताओं को कटानरोधी कार्य तेजी से कराने का निर्देश दिया गया है। बचाव के हर संभव प्रयास किए जाएंगे।