झाड़ियों में बरामद हुई एच2एस वॉयल, लापरवाही उजागर
शुद्ध पेयजल की गुणवत्ता का मापन कर जीवाणु परीक्षण के लिए आया एच टू एस किट ग्राम पंचायत में वितरण नहीं
बलरामपुर : पानी के शुद्धता की जांच के लिए ब्लॉक पर आए एच2एस टेस्ट वॉयल कालातीत हो गए। जिम्मेदारों ने पानी की शुद्धता तो नहीं जांची, लेकिन निष्प्रयोज्य होने पर झाड़ियों में जरूर फेंक दिया। भारी मात्रा में किट बरामद होने पर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस ने विकास विभाग के अफसरों को जानकारी देकर कार्रवाई शुरू कर दी है। खास बात यह है कि वॉयल कालातीत हुए छह माह बीत गए, लेकिन अफसरों की नजर नहीं पड़ी। अब लापरवाही उजागर होने पर अफसर अपना दामन बचाने में जुट गए हैं। झाड़ियों में मिली एच2एस किट :
ग्राम पंचायतों को वितरण के लिए ब्लॉक पर आए एच2एस वॉयल किट गुरुवार को पुराने अस्पताल परिसर की झाड़ियों में बरामद हुए। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत पुलिस को दी। जिस पर प्रभारी निरीक्षक मानवेंद्र पाठक ने करीब 15 गत्तों में रखी किट बरामद कर खंड विकास अधिकारी को अवगत कराकर जांच शुरू कर दी है। इस किट पर वर्ष निर्माण तिथि वर्ष 2016 व 30 माह बाद कालातीत अंकित है। पानी नहीं बीमारी गटक रहे लोग
गैंसड़ी विकास खंड हार्ड एरिया में आता है। जहां बोरिग नहीं हो पाती है। अधिकांश लोग छोटे नल व कुएं का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। ऐसे में शुद्धता की जांच न होने से पानी में कितना आर्सेनिक, आयरन व अन्य तत्व हैं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं हो पाती है। ऐसे में लोग पानी नहीं बीमारी गटकने को मजबूर हैं। जांच के लिए टीम गठित :
बीडीओ अनुज कुमार सक्सेना का कहना है कि यह वर्ष 2016-17 का मामला है। तत्कालीन एडीओ पंचायत इस समय निलंबित है। कालातीत हो चुके किट को इस तरह नष्ट नहीं किया जा सकता है। इसकी अनुमति ली जानी चाहिए। इसकी जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है। जिसमें एडीओ आइएसबी जितेंद्र सिंह, जेई आरईएस सतीश कुमार को शीघ्र जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।