इधर दर्द से जा रही जान, उधर संवेदशील बनने का ज्ञान

डीएम-सीडीओ की फटकार का महिला अस्पताल प्रशासन पर नहीं असर संयुक्त अस्पताल में संवेदनहीनता चरम पर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 10:20 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 10:20 PM (IST)
इधर दर्द से जा रही जान, उधर संवेदशील बनने का ज्ञान
इधर दर्द से जा रही जान, उधर संवेदशील बनने का ज्ञान

बलरामपुर : अस्पतालों की अव्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी श्रुति गंभीर हैं। वह कई बार नाराजगी जताकर सुधार की चेतावनी दे चुकी हैं, लेकिन फिर भी यहां की तस्वीर बदलने का नाम नहीं ले रही है। जिला संयुक्त अस्पताल हो या फिर महिला अस्पताल, चिकित्सकों व कर्मियों की संवेदनहीनता मरीजों का दर्द बढ़ा रही है। महिला अस्पताल प्रशासन को डांट खाने की आदत पड़ गई है। डीएम व सीडीओ की फटकार के बाद भी यहां चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी सभी संवेदनहीन हैं।

सोमवार को प्रशिक्षण कक्ष में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के जिला प्रबंधक शिवेंद्र मणि त्रिपाठी, मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता विनोद त्रिपाठी, सीएमएस डॉ. विनीता राय के साथ बैठक कर प्रसूताओं के प्रति अच्छा व्यवहार करने की नसीहत दे रहे थे। उसी समय थोड़ी दूर वार्ड में दर्द से तड़पती प्रसूता तौहीदा खातून पत्नी फिरोज आलम की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया।

रजडेरवा निवासी मोहम्मद शमीम ने बताया कि उसकी पुत्री तौहीदा के सीने मे असहनीय दर्द है। वह डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाने के लिए कभी प्रसव कक्ष तो ऑपरेशन कक्ष की ओर दौड़ रहे थे, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। सीएमएस का कहना है कि चिकित्सकों व कर्मियों से कार्यशैली बदलने की चेतावनी दी गई है।

स्ट्रेचर, न मिला इलाज :

- जिला संयुक्त अस्पताल में फिरोजपुर की बुजुर्ग आसिया को परिवारजन दोनों हाथ व पैरों को पकड़कर बिना स्ट्रेचर के ले जा रहे थे। आसिया के बेटे वहीद ने बताया कि शनिवार को गिरने से उनकी कमर में चोट लग गई। दूसरे दिन रविवार की छुट्टी के कारण घर वाले नहीं लाए। सोमवार को उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टर न होने के कारण इलाज नहीं हो पाया। फिर से वापस ले गए।

दोषियों पर होगी कार्रवाई :

सीएमएस डॉ. नानक सरन का कहना है कि एक ही हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. एनके बाजपेई हैं, जो न्यायालय गए थे। स्ट्रेचर क्यों नहीं मिला, इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

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