संक्रामक रोगों से बचाव के लिए शुद्ध पानी संग साफ-सफाई पर दें ध्यान

जलभराव व गंदगी से जूझ रहे गांवों की हालत सुधारने के लिए जिला प्रशासन सतर्क है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 10:22 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 10:22 PM (IST)
संक्रामक रोगों से बचाव के लिए शुद्ध पानी संग साफ-सफाई पर दें ध्यान
संक्रामक रोगों से बचाव के लिए शुद्ध पानी संग साफ-सफाई पर दें ध्यान

बलरामपुर: शिवपुरा व तुलसीपुर ब्लाक में संक्रामक रोगों के फैलने से लगातार मौतें हो रही हैं। जलभराव व गंदगी से जूझ रहे गांवों की हालत सुधारने के लिए जिला प्रशासन सतर्क है। स्वास्थ्य विभाग लोगों को बीमारियों से बचाव के तरीके बता रहा है। इन सबके बावजूद तराई क्षेत्र में बढ़ रहे मच्छरों के प्रकोप, दूषित पानी पीने को विवश ग्रामीण नहीं समझ पा रहे हैं कि क्या करें। शुद्ध पानी व खानपान में सतर्कता बरतने के साथ प्रेरित करने की मुहिम में जुटे जिला मलेरिया अधिकारी डा.राजेश पांडेय बुधवार को दैनिक जागरण कार्यालय के प्रश्न पहर कार्यक्रम में मौजूद रहे। वह जलभराव, भठे शौचालय, दूषित पेयजल समेत अन्य समस्याओं से घिरे ग्रामीणों के सवालों से रूबरू हुए। उन्होंने जिले के विभिन्न स्थानों से प्रश्न करने वाले पाठकों के मन की जिज्ञासा को शांत करते हुए जीवनशैली बदलने व शुद्ध पानी पीने की सलाह दी। साथ ही गांव में किसी भी तरह की बीमारी फैलने की सूचना तुरंत देने की अपील की। सवाल: मच्छरों का प्रकोप अधिक है। इनसे कौन-कौन सी बीमारी फैल सकती है।

-विनोद कुमार गुप्ता, धर्मपुर, बलरामपुर

जवाब: मच्छरों से फैलने वाली बीमारी को संचारी रोग या वेक्टर जनित रोग कहा जाता है। मलेरिया, स्क्रबटाइफस, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, एईएस, जेई, कालाजार प्रमुख हैं। इनसे बचाव के लिए जरूरी है कि आसपास के जलजमाव को खत्म किया जाए। सवाल: बाढ़ का पानी हटने के बाद चारों तरफ कीचड़ है। ऐसे में मच्छर तेजी से पनप रहे हैं, लेकिन उसे रोकने के लिए न तो दवाओं का छिड़काव कराया गया है।

-मनीष, मथुरा बाजार

जवाब: मच्छरों को कम करने के लिए आसपास के जलजमाव को खत्म करने का प्रयास करें। ग्राम पंचायतों को मच्छर रोधी दवाओं का छिड़काव नालियों में कराने के लिए प्रधान को दवा छिड़काव का दायित्व दिया गया है। प्रधान सफाई कर्मी के माध्यम से दवाओं का छिड़काव कराएंगे। यदि कोई समस्या है तो प्रधान व एडीओ पंचायत से मिलकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। सवाल: यदि घर के आसपास जलभराव के चलते मच्छर पनप रहे हैं। बीमारी न फैले इसके लिए क्या करें।

-आनंद सिंह, महाराजगंज तराई

जवाब: आसपास के जलभराव को खत्म करने का प्रयास करें। यदि यह संभव न हो तो निकट के गड्ढे व तालाब में जला हुआ मोबिल आयल व मिट्टी तेल डाल दें। इससे पानी के ऊपरी तैलीय परत बन जाएगी और मच्छरों का विकास रुक जाएगा। सवाल: बाढ़ प्रभावित गांवों में घर है। परिवार के सदस्यों के बीमार होने का डर सता रहा है।

-रामकुमार, ललिया

जवाब: सबसे पहले घर के आसपास जलभराव को खत्म कीजिए। घर में रखी, छत पर रखे टायर, पुराने बर्तन में भरे पानी को खाली कर दीजिए। मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए हमेशा फुल आस्तीन वाले कपड़े पहने। सोने के लिए हमेशा मच्छरदानी का प्रयोग करें। सवाल: मलेरिया बुखार के लक्षण क्या हैं।

-दयाशंकर मौर्य, रजडेरवा,पचपेड़वा

जवाब: मलेरिया बुखार का पहला लक्षण है कि कंपकपी वाली ठंड लग कर बुखार आता है। यह 24 घंटे के चक्र में होता है। यानी यदि कंपकपी के साथ पहले दिन बुखार आया है तो दूसरे दिन भी उसी समय बुखार आएगा। सवाल: डेंगू व मलेरिया में क्या फर्क है। यह कैसे फैलता है।

-अवधेश तिवारी, ललिया बाजार

जवाब: डेंगू व मलेरिया दोनों वेक्टर जनित रोग हैं। मलेरिया गंदे पानी में होने वाले मच्छर से फैलता है जबकि डेंगू के मच्छरों का विकास साफ पानी में होता है। मलेरिया के मच्छर मलिन बस्तियों में, गड्ढों के गंदे पानी में पनपते हैं। डेंगू वाले मच्छर फ्रिज व छत पर रखे टायर व पुराने बर्तनों में भरे पानी में पैदा होते हैं। सवाल: बाढ़ से घिरे गांव में शुद्ध पानी की समस्या है। इसके चलते बीमारी फैल रही है। क्या करें।

- राघवेंद्र ,पेहर

जवाब: बाढ़ से घिरे गांवों में शुद्ध पानी केवल इंडिया मार्का हैंडपंप से ही मिल सकता है। हर गांव में करीब 100 मीटर दूरी पर उपलब्ध है। लोगों को चाहिए कि वह खाना बनाने व पीने के लिए हैंडपंप के पानी का ही प्रयोग करें। उथले हैंडपंप के पानी का प्रयोग कपड़ा व बर्तन धोने समेत अन्य दैनिक क्रिया में करें। यदि इंडिया मार्का हैंडपंप का पानी मिलना मुश्किल हो तो कोई भी साफ जल उबालकर छानने के बाद पी सकते हैं। सवाल: संचारी रोगों बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन क्या उपाय कर रहा है।

-रामानंद मिश्र, मकुनहवा, बलरामपुर

जवाब: लोगों को संचारी रोगों से बचाव के लिए जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग की अगुवाई में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चला रहा है। इसमें 12 विभाग मिलकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। पंचायतीराज विभाग गांवों में सफाई अभियान चलाएगा। जल निगम के लोग स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराएंगे। आशा व एएनएम की टीम घर-घर जाकर लोगों को बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक करेगी।

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