तीसरी लहर का डर और नौसिखियों के हाथों में एंबुलेंस

वृद्ध व बीमार चालकों को थमा दी स्टेयरिग बिना ईएमटी के ढोये जा रहे घायल व प्रसूताएं

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 11:08 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 11:08 PM (IST)
तीसरी लहर का डर और नौसिखियों के हाथों में एंबुलेंस
तीसरी लहर का डर और नौसिखियों के हाथों में एंबुलेंस

बलरामपुर: तीसरी लहर की आहट के साथ इस बार एंबुलेंस भी दगा दे सकती है। कारण दूसरी लहर में संक्रमितों की जिदगी बचाने वाले पुराने एंबुलेंस कर्मियों को हटाकर कंपनी नए चालकों व ईएमटी की भर्ती कर रही है। बिना प्रशिक्षण के नौसिखिये चालक खुद ही अनजान हैं तो फिर वह कैसे संक्रमित मरीजों के मददगार बन सकेंगे। कांपते हुए हाथों में स्टेयरिग थमाने से दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है।

वहीं, 10 दिन पहले एक एंबुलेंस चालक ने महिला अस्पताल के गेट पर ही ठोकर मार दी थी। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ। खास बात यह है कि बिना प्रशिक्षण व परीक्षण के रखे टैंपो, रिक्शा व कार चालक अकेले घायलों, गर्भवती व प्रसूताओं को अस्पताल व घर पहुंचा रहे हैं। ऐसे में, एंबुलेंस चालक भविष्य में घायलों व महिलाओं के कितने मददगार साबित होंगे, यह तो वक्त बताएगा।

अनुभवी चालकों की जगह जुगाड़ को दी तरजीह:

पुराने एंबुलेंस चालकों को हटाने के बाद आनन फानन में एंबुलेंस चालकों की खोज में अनुभव की जगह जुगाड़ को तरजीह दी गई। इसका अंदाजा एंबुलेंस चालकों को देखकर ही लगाया जा सकता है। 55 साल के अजीज समेत कई चालक ऐसे हैं जिनके हाथ पांव कांप रहे हैं।

ई-रिक्शा चलाने वाले विजय भी जुगाड़ से चालक बन गए। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरविद कुमार यादव ने बताया कि डीएम के निर्देश पर उन्होंने प्राइवेट बस यूनियन के अध्यक्ष जब्बार से बात कर 12 अनुभवी चालक भेजे थे, लेकिन उनमें से केवल दो चार लोगों को रखा। बाकी को वापस भेज दिया। बताया कि हाथ पैर कांपने वाले या बीमार व्यक्ति से एंबुलेंस नहीं चलवाना चाहिए। हटाए जाएंगे बीमार व वृद्ध चालक:

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. बीपी सिंह ने बताया कि एएलएस के अलावा कहीं भी एंबुलेंस पर ईएमटी नहीं है जिससे परेशानी हो रही है। ईएमटी आते ही तैनाती दी जाएगी। यदि किसी भी एंबुलेंस पर बीमार या वृद्ध चालक हैं तो उन्हें हटा दिया जाएगा।

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