12 विभाग चलाएंगे अभियान ताकि संचारी रोग पर लगे लगाम
18 से शुरू होगी स्वास्थ्य टीमों की दस्तक अलग-अलग विभागों को मिली जिम्मेदारी
बलरामपुर: बाढ़ की त्रासदी से जूझ रहे गांवों में बीमारी रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसे देखते हुए सरकार अब 18 अक्टूबर से पुन: संचारी रोग अभियान चलाने जा रही है। स्वास्थ्य समेत 12 विभाग मिलकर गांवों व शहरों को रोग मुक्त बनाने का अभियान चलाएंगे। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। खास बात यह है कि दो साल से तैयारी आनलाइन हो रही थी, लेकिन इस बार कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए उपस्थिति अनिवार्य रहेगी।
18 अक्टूबर से शुरू होने वाले अभियान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आशा व आंगनबाड़ी को घर-घर भेजकर बुखार, कुपोषित, क्षय, सर्दी व खांसी के रोगियों की तलाश कर उनका इलाज कराएगा। नगर विकास विभाग नगर में सफाई के साथ फागिग,खुली नालियों को ढंकने, उथले हैंडपंपों को लाल रंग से चिह्नित करने, अपशिष्ट जल निकलने के लिए सोकपिट का निर्माण कराते हुए सबको शुद्ध पेयजल देने का अभियान चलाएगा। पंचायती राज व ग्राम्य विकास विभाग स्वास्थ्य विभाग से सामंजस्य बनाकर जरूरतमंदों को दवाएं पहुंचाएगा। गांव के जलाशयों व नालियों की नियमित सफाई, झाड़ियों की काट छांट करते हुए कूड़ा निस्तारण कराएगा। पशुपालन विभाग सूकर बाड़ों को आबादी से दूर स्थापित कराएगा। पशुओं की स्वच्छता, कचरा निस्तारण व मच्छरों से बचाव के लिए जाली का प्रयोग करने के लिए जागरूक करेगा।
बाल विकास स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करते हुए सेहत का ख्याल रखने के लिए प्रेरित करेगा। शिक्षा विभाग छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को सफाई, शौचालय का प्रयोग, पानी उबालकर पीने से लाभ बताते हुए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगा।
दिव्यांगजन विभाग दिव्यांग बच्चों को सहायक उपकरण प्रदान करेगा। कृषि विभाग खेतों में मच्छरों के प्रजनन को कम करने के लिए सिचाई की नई तकनीक प्रयोग करने, सिचाई विभाग नहरों में जमे पानी हटाकर मच्छरों का प्रजनन, उद्यान विभाग मच्छररोधी पौधे उगाने के लिए मुहिम चलाएंगे। यूनीसेफ की जिला समन्वयक शिखा श्रीवास्तव ने बताया कि सभी विभागों ने प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार कर ली है जो अपने दायित्वों का निर्वहन कर अभियान सफल बनाएंगे।