जच्चा-बच्चा बचाने की मुहिम पर नहीं लगा पा रही भरोसे की मुहर

प्रति सीएचसी 200 व पीएचसी 100 का था लक्ष्य 20 जगह आयोजन फिर भी नहीं आई 2000 गर्भवती

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Mar 2021 10:40 PM (IST) Updated:Tue, 09 Mar 2021 10:40 PM (IST)
जच्चा-बच्चा बचाने की मुहिम पर नहीं लगा पा रही भरोसे की मुहर
जच्चा-बच्चा बचाने की मुहिम पर नहीं लगा पा रही भरोसे की मुहर

बलरामपुर : जच्चा-बच्चा बचाने के लिए चल रहे प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस में लाभार्थियों की संख्या नहीं बढ़ पा रही है। जांच से लेकर इलाज तक हर जगह खेल ने आम लोगों का भरोसा तोड़ दिया है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री की प्राथमिकता में शामिल कार्यक्रम भी औधे मुंह गिर गया है।

जिला मुख्यालय के दो समेत 20 अस्पतालों में आयोजित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस में सीएचसी को कम से कम 200 व पीएचसी को 100 गर्भवती की जांच करानी थी। आंगनबाड़ी, आशा को इन्हें लाने के लिए लगाया गया था, लेकिन नतीजा ढाक का पात रहा। पूरे जिले में आयोजित कार्यक्रम में दो हजार लाभार्थी भी नहीं पहुंचे। इसका कारण कुछ भी रहा हो, लेकिन एक बात साफ है कि अस्पतालों में वसूली का खेल, बाहरी जांच व दवाओं का दंश भुगत चुके कमजोर परिवारों की महिलाएं भरोसा नहीं जता पा रही हैं। निश्शुल्क जांच समेत अन्य सुविधाएं :

- तेज दौरे पड़ना, स्त्राव, उच्च रक्त संचरण, त्वचा का पीलापन, हाथ व पैर में सूजन, भ्रूण का कम हिलना या न हिलना, तेज सिर दर्द, धुंधला दिखने जैसे लक्षण देख गर्भवती की स्थिति का आंकलन कर उसकी ब्लड टेस्ट, यूरीन टेस्ट, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, अल्ट्रासाउंड की जांच शिविर में होनी है। चिकित्सीय परामर्श, दवाओं व पौष्टिक तत्वों के साथ दोपहर तक रुकने पर भोजन भी देना है। इन सुविधाओं को दिलाने के लिए 20 पर्यवेक्षण अधिकारी लगाए गए थे, लेकिन फिर भी स्थिति नहीं सुधर रही है।

महिला अस्पताल की टीम पुरस्कृत :

- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर महिला अस्पताल में 37 गर्भवती की जांच की गई। दस अतिकुपोषित मिलीं। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके सिघल ने जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए एएनएम रागिनी, माला यादव, रीता वर्मा, स्वधा तिवारी, नरगिस डेविड को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। बताया कि अच्छा कार्य करने वाले अस्पतालों को पुरस्कृत व फिसड्डी अस्पताल के जिम्मेदारों की जवाबदेही तय की जाएगी।

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