पराली जलाने से नुकसान, किसानों को बताएंगे प्रधान
पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए सरकार अब ग्राम प्रधानों के सहारे किसानों क
बलरामपुर :
पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए सरकार अब ग्राम प्रधानों के सहारे किसानों को जागरूक करने जा रही है। खंड विकास अधिकारी व कृषि विभाग के अधिकारी ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए प्रेरित करेंगे। इसके बाद ग्राम प्रधान कृषकों के साथ बैठक कर उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे। प्रधानों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि गांव में कहीं भी एसएमएस या अन्य फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र लगाए बिना कंबाइन हार्वेस्टर मशीन तो नहीं चल रही है। इसे रोकने व न मानने पर इसकी सूचना प्रशासन को देने की जिम्मेदारी भी ग्राम प्रधानों को उठानी पड़ेगी। मुख्य विकास अधिकारी ने प्रधानों को उनके दायित्वों से अवगत कराने के लिए ब्लाक वार प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है। इसमें उप कृषि निदेशक समेत अन्य कृषि अधिकारियों को नोडल बनाया गया है। सदर व श्रीदत्तगंज में शुरू हुआ प्रशिक्षण:
-जिले के सभी ग्राम प्रधानों को प्रशिक्षित करने के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण अभियान की शुरूआत सदर व श्रीदत्तगंज ब्लाक से हुई। दोनों ब्लाकों के प्रधानों को प्रशिक्षण देकर उनके दायित्वों से अवगत कराया। उतरौला,गैंड़ास बुजुर्ग व रेहरा बाजार में 21 अक्टूबर, गैंसड़ी में 22 को, तुलसीपुर, हर्रैया व पचपेड़वा में 23 अक्टूबर को दिया जाएगा। जिला कृषि अधिकारी डा. आरपी राणा ने बताया कि खेतों में फसल का अवशेष जलाया जाना दंडनीय अपराध है। इसके लिए क्षतिपूर्ति देनी होगी। दो एकड़ से कम क्षेत्र की पराली जलाने पर ढाई हजार, दो एकड़ से पांच एकड़ तक पांच हजार व पांच एकड़ से अधिक के लिए 15000 हजार रुपये का अर्थदंड का प्राविधान किया गया है। सभी ग्राम प्रधान अपने यहां इसका प्रचार करते हुए किसानों को खेतों में पराली जलाने से रोकेंगे।