चुनाव की चली बयार, तीर्थ यात्रा पर भेजे जा रहे मतदाता
मदद के नाम पर संभावित उम्मीदवार कर रहे खेल दो मार्च को साफ होगी आरक्षण की तस्वीर
बलरामपुर : पंचायत चुनाव की बयार गांवों में तेजी से बहने लगी है। चाय की दुकान पर किस दावेदार ने क्या प्रलोभन देने की बात कही है। इस पर मंथन के साथ आरक्षण का गुणा-भाग भी लगाया जा रहा है। रविवार को दोपहर 12 बजे खेत से लौटे ग्रामीण ललिया में एक चाय की दुकान पर बैठे प्रधान व जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव को लेकर चर्चा करते दिखे।
धीरज शुक्ल कहते हैं कि 'अभी चुनाव की तैयारी ही चल रही है। कब तक तिथि घोषित होगी यही नहीं पता है, लेकिन दावेदारों की संख्या बढ़ती जा रही है।' चाय की चुस्की लेते हुए कल्लू बीच में रोकते हुए कहते हैं कि 'भाई इस बार तो तीर्थ यात्रा पर लोगों को भेजा जा रहा है। गांव के पांच लोग महाकाल की यात्रा पर गए हैं। वोटरों में भी कोरोना का डर खत्म हो गया लगता है।' राज किशोर व श्यामता कहते हैं कि 'चुनाव की घोषणा के बाद किसी को यात्रा पर भेज नहीं सकते। अभी तो मदद के नाम पर संभावित उम्मीदवार खेल कर रहे हैं।' लंबा कुर्ता पहने जा रहे एक व्यक्ति की तरफ इशारा करते हुए ननकन कहते हैं कि 'देखो प्रधान का पद आरक्षित हो गया, तो सबकी कहानी बदल जाएगी। वैसे मांगलिक कार्यक्रमों के साथ दवा में भी लोग सहयोग को आगे आ रहे हैं।' सरवन व विनय लंबी सांस लेते हुए कहते हैं कि 'पांच साल बाद तो मौका मिलता है। गांव में टूटी नाली और गंदगी विकास की कहानी बयां कर रही है। दो मार्च को पता ही चल जाएगा कि किसको चुनाव मैदान में उतरने का मौका मिलेगा। अभी होर्डिग और कलेंडर में ही प्रत्याशी बनकर विकास की गंगा बहाते रहें।'