लापरवाही : 700 स्वास्थ्यकर्मियों को दो माह से नहीं मिला मानदेय
पहले से नहीं की गई तैयारी खामियाजा भुगत रहे कर्मचारी
बलरामपुर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्य करने वाले चिकित्सकों समेत 700 कर्मियों का मानदेय लापरवाही व बैंकों के फेर में फंस गया है। भुगतान प्रणाली का नया सिस्टम लागू होने व बैंकों के विलय होने से उनका आइएफएससी कोड बदलने के बाद स्वास्थ्य विभाग कर्मियों का पुन: बैंक खाता व विवरण अपडेट कर रहा है। इसके चलते दो माह से चिकित्सकों व कर्मियों को मानदेय नहीं मिल पाया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को अगस्त, सितंबर का मानदेय नहीं मिल सका है। दो माह से वेतन न मिल पाने के कारण चिकित्सक व कर्मचारी आर्थिक किल्लत से जूझ रहे हैं। परेशानी कर्मचारी वेतन दिलाने के लिए जनप्रतिनिधियों की शरण में जाकर अधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन कोई जुगत नहीं निकल पा रहा है। सबसे अधिक परेशानी टीबी कर्मचारियों की है जो भीषण आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं।
इसी तरह संविदा पर कार्य करने वाली स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, पर्यवेक्षक समेत अन्य कर्मियों को भी संकट से जूझना पड़ रहा है। जिम्मेदार समस्या की अनदेखी कर रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि भुगतान प्रणाली बदलने व बैंकों के विलय की जानकारी होने के बाद एकाउंट विभाग ने इसकी तैयारी पहले से क्यों नहीं की थी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला लेखा प्रबंधक प्रभात कुमार ने बताया कि भुगतान की प्रक्रिया बदलने के कारण पुन: सभी का ब्यौरा पोर्टल पर फीड करना पड़ रहा है। कई चिकित्सकों व कर्मियों के बैंकों का आइएफएससी कोड बदल गया है। इसका पुन: सत्यापन भी कराना पड़ रहा है। इसमें 15 मिनट का समय लग जाता है। 700 कर्मियों का विवरण फीड होना है। चिकित्सकों, सीएचओ व स्टाफ नर्सो का वेतन भेजा जा चुका है। तीन चार दिन में सभी का मानदेय भेज दिया जाएगा।
कोरोना से मौत पर परिवारजन को मिली 30 लाख की सहायता
बलरामपुर: त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन में ड्यूटी के दौरान कोविड-19 संक्रमण से मरने वाले जिले के 24 अधिकारियों व कर्मचारियों के परिवारजन को आर्थिक मदद दे दी गई है। इसमें विभिन्न विभाग के अधिकारी व कर्मी शामिल हैं।
सहायक निर्वाचन अधिकारी पंचायत राजेश कुमार ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन के दौरान ड्यूटी में लगे 24 अधिकारियों व कर्मचारियों की कोरोना से मृत्यु हुई थी। इसमें 15 शिक्षा विभाग, दो सिचाई विभाग, एक स्वास्थ्य विभाग, एक पशुपालन विभाग, एक व्यवसायिक शिक्षा, एक अल्पसंख्यक विभाग के शामिल हैं। सभी के परिवारजन को 30 लाख रुपये बैंक खातों में भेज कर आर्थिक मदद की गई है।