गुम हुआ डीएम का फरमान, नहीं शुरू हुई उठान
बलरामपुर : धान क्रय केंद्रों से किसानों को बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है। किसान अपनी उपज
बलरामपुर : धान क्रय केंद्रों से किसानों को बैरंग वापस लौटना पड़ रहा है। किसान अपनी उपज 1200 से 13 सौ रुपये में व्यापारियों के हाथों बेचने को विवश हैं। जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के फरमान का असर भी क्रय केंद्र प्रभारियों पर नहीं दिख रहा है। क्रय केंद्रों पर धान डंप होने की बात कहकर अधिकांश प्रभारी धान खरीद से हाथ खड़ा कर रहे हैं। जिससे किसानों की परेशानी कम होने के बजाए और बढ़ती जा रही है।
जिले में एक नवंबर से धान खरीद शुरू हुई। धान खरीद के लिए 16 क्रय केंद्रों का संचालन हो रहा है। धान की उठान करने के लिए छह राइस मिलर को जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन राइस मिलर ने धान उठान में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। यही नहीं, बैंक गारंटी भी नहीं जमा किया। क्रय केंद्रों पर धान रखने की जगह न होने की बात कहकर क्रय केंद्र प्रभारियों ने धान खरीद से हाथ खड़े कर लिए। उतरौला के तेंदुआ क्रय केंद्र पर सन्नाटा पसरा हुआ। यही आलम अधिकांश क्रय केंद्रों का है। जहां ताले लटक रहे हैं। अधिकारी धान खरीद न करने वालों पर कार्रवाई करने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन उसे अमलीजामा पहनाने में पसीने छूट रहे हैं। 17000 ¨क्वटल धान खरीद हो सकी है। यदि ऐसे ही धान की खरीद होती रही तो दिए गए लक्ष्य 10700 मीट्रिक टन के इर्द-गिर्द पहुंचना मुमकिन नहीं होगा। जिम्मेदार के बोल
-जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी विनय प्रताप ¨सह का कहना है कि दो राइस मिलर ने बैंक गारंटी जमा कर दी है। तीन दिन में सभी मिलर अपनी प्रक्रिया पूरी कर लेंगे। जिससे धान खरीद में तेजी आ सकेगी।