न्यायालय के आदेश पर नगर पालिका ने तोड़ा नाला

संवादसूत्र उतरौला (बलरामपुर) उच्च न्यायालय की झिड़की के बाद नगर पालिका ने खुद के बनाए लगभग तीन सौ मीटर लंबे नाले को जेसीबी से गिरवा दिया। नाले का निर्माण अभी तीन महीना पहले ही पूरा हुआ था। नाला गिरा देने के बाद लगभग पांच दर्जन घरों के अपमार्जित पानी के प्रवाह की समस्या उत्पन्न हो गई है। नगर क्षेत्र के गांधीनगर वार्ड संख्या एक में जलनिकासी के लिए नाला बनाने का काम 2017 मे स्वीकृत हुआ था। नाले के बगल स्थित भू स्वामियों ने नगर पालिका में नाली निर्माण के लिए लिखित स्वीकृति दी थी। इसके बाद फरवरी 201

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 11:30 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 06:31 AM (IST)
न्यायालय के आदेश पर नगर पालिका ने तोड़ा नाला
न्यायालय के आदेश पर नगर पालिका ने तोड़ा नाला

बलरामपुर:उच्च न्यायालय की फटकार के बाद नगर पालिका परिषद ने खुद के बनवाए लगभग तीन सौ मीटर लंबा नाले को जेसीबी मशीन से गिरवा दिया। नाला का निर्माण तीन माह पहले ही पूरा हुआ था। नाला गिरा देने के बाद लगभग 60 घरों से निकलने वाले गंदे पानी के प्रवाह की समस्या उत्पन्न हो गई है।

नगर क्षेत्र के वार्ड संख्या एक गांधीनगर में जलनिकासी के लिए नाला बनाने का काम 2017 में स्वीकृत हुआ था। नाला के बगल स्थित भू-स्वामियों ने नगर पालिका में नाली निर्माण के लिए लिखित स्वीकृति दी थी। नाला का निर्माण हुआ। इसी बीच नाला से संलग्न जमीन के अन्य खातेदार नूर हसन आदि ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहाकि नगर पालिका ने उनकी जमीन पर नाला बनवा दिया है। न्यायालय ने जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि बीते मार्च माह तक याची गणों को जमीन का मुआवजा दें या जमीन को खाली करें। दस अप्रैल तक न्यायालय के आदेश का पालन न होने पर याचीगण ने पुन: न्यायालय की शरण ली। न्यायमूर्ति पंकज जायसवाल व रजनीश कुमार की खंडपीठ ने निर्देश पर जिलाधिकारी ने 24 अप्रैल तक न्यायालय के आदेश के अनुपालन की तिथि तय कर दी। ईओ अवधेश वर्मा ने बताया कि न्यायालय आदेश के अनुपालन में नाला गिरा दिया गया है।

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