गुमशुदगी के बाद मिलती लाश, खाकी पर लग रहा दाग
मुकदमा लिखने तक सीमित हैं गुमशुदगी व अपहरण के मामले गुम हो रहा खाकी का इकबाल
बलरामपुर : जिले में खाकी के इकबाल पर दाग गहराता जा रहा है। वजह, थानों पर गुमशुदगी दर्ज करने के बाद पुलिस चुप बैठ जाती है। कुछ दिनों बाद गुमशुदा का शव तालाब व पोखरों से बरामद होता है। अपनों का शव मिलने पर परिवारजन रो-रोकर बेहाल हो जाते हैं। इस पर पुलिस कभी आरोपित की गिरफ्तारी तो कभी मौत को आत्महत्या बताकर गुडवर्क लेने में जुट जाती है। हाल ही में कुछ मामले ऐसे आए हैं, जिसमें समय रहते पुलिस सक्रियता दिखाती तो शायद गुमशुदा व्यक्तियों की जान बच जाती।
इन मामलों ने खोली संजीदगी की पोल :
-महराजगंज तराई थाना क्षेत्र के बदलपुर गांव निवासी नौ वर्षीय बालक 14 फरवरी को निकट गांव के दुंदरा मेला से गायब हो गया था। थाने पर उसकी गुमशुदगी दर्ज हुई। 25 फरवरी को गांव के पोखर में उसका शव बोरे में बंधा मिला। 11 दिन तक हाथ पर हाथ धरे बैठी पुलिस शव मिलने के बाद हरकत में आई। आनन-फानन में दो आरोपितों की गिरफ्तारी कर हत्या के आरोप में जेल भेज दिया। मृतक के पिता का कहना है कि अगर पुलिस संजीदा होती, तो उसके बेटे की जान बच जाती।
नगर कोतवाली के हरवशपुर गांव निवासी किस्मतुन्निशा 21 जनवरी को गायब हुई थी। 18 फरवरी को उसका शव प्रधान असलम के मकान के पीछे तालाब से बरामद हुआ। पुलिस की मानें तो उसकी मौत डूबने से हुई है, जबकि परिवारजन हत्या की आशंका जता रहे हैं। मृतका की मां मशरुन्निशा का आरोप है कि अपहरण का नामजद मुकदमा लिखने के बाद भी पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं की। अगर पुलिस सक्रिय होती, तो बेटी को जान न गंवानी पड़ती।
संवेदनशील है पुलिस :
- अपर पुलिस अधीक्षक अरविद मिश्र का कहना है कि आपराधिक मामलों में पुलिस त्वरित कार्रवाई करती है। गुमशुदगी व अपहरण के बाद संबंधित का पता लगाने का पूरा प्रयास किया जाता है। अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।