चारों तरफ संक्रमण का डर, बेपरवाह अस्पताल के अफसर
इधर-उधर फेंक दी गई संक्रमित पीपीई किट मरीजों व तीमारदारों में संक्रमण का खतरा संवाद
इधर-उधर फेंक दी गई संक्रमित पीपीई किट, मरीजों व तीमारदारों में संक्रमण का खतरा
संवादसूत्र, बलरामपुर : कोरोना से बचाने के लिए जिस अस्पताल पर इलाज की जिम्मेदारी है, वह खुद ही संक्रमण की ढेर पर बैठा हुआ है। जिम्मेदार तमाशबीन बने हुए हैं। यहां करोना का इलाज कराने के लिए आए मरीजों की जान तो कम ही बच पाती है, लेकिन उनके साथ आए तीमारदारों को संक्रमण का खतरा मुफ्त मिल जाता है। कारण अस्पताल के चारों तरफ प्रयोग की पीपीई किट फेंक दी गई है जो बड़े खतरे का कारण बन सकती है।
संयुक्त अस्पताल परिसर में कोविड जांच केंद्र के बगल तालाब में संक्रमित पीपीई किट फेंक दी गई है। पीछे पोस्टमार्टम हाउस के आसपास भी पीपीई किट पड़ी है। इसके अलावा अन्य कई स्थानों पर प्रयोग की गई पीपीई किट ही नहीं सुई,पट्टी समेत अन्य उपचार सामग्री फेंक दी गई है। इससे अस्पताल आने वाले मरीजों व तीमादारों में संक्रमण का खतरा बना रहता है, लेकिन जिम्मेदारों को यह सब नहीं दिख रहा है। इन सबके बीच कोविड जांच केंद्र से लेकर,एल-टू अस्पताल के सामने संक्रमित मरीजों के साथ आए तीमारदार डेरा डाले रहते हैं। मरीजों के मौत की खबर आते ही पूरा अस्पताल चीख पुकार से गूंज उठता है। दहशत का ऐसा मंजर देख जांच व इलाज कराने आए मरीज दूर से लौट जाते हैं।
इलाज व वैक्सीनेशन में भी सता रहा संक्रमण का डर :
-जिला संयुक्त अस्पताल में एल-टू अस्पताल के बगल ही वैक्सीनेशन सेंटर है। इसके सामने संक्रमितों के साथ आए तीमारदार जमे रहते हैं। टीकाकरण स्थल के निकट भीड़ व संक्रमण का डर देख वैक्सीन लगवाने आए लोगों की हिम्मत जवाब दे जाती है। लोगों ने मांग की है कि यहां टीकाकरण बंद कराकर कहीं अलग शुरू कराया जाय। मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. नानक सरन ने बताया कि अस्पताल परिसर में प्रयोग की गई पीपीई किट फेंकी गई है तो उसे साफ करा दिया जाएगा। तीमारदारों को वैक्सीनेशन सेंटर के सामने भीड़ न लगाने की हमेशा हिदायत दी जाती है। वह नहीं मानते तो क्या किया जाए।