किसानों की मेहनत पर बारिश ने फेरा पानी, कटी फसल सहेजने की सता रही चिता
मौसम का मिजाज दो दिनों से बदला हुआ है। सोमवार सुबह शुरू हुई बारिश रुक-रुक
बलरामपुर : मौसम का मिजाज दो दिनों से बदला हुआ है। सोमवार सुबह शुरू हुई बारिश रुक-रुक कर शाम तक होती रही। झमाझम बारिश ने लोगों को तेज धूप व उमस भरी गर्मी से राहत दिलाई है। तेज हवाओं व बारिश के कारण किसानों के माथे पर चिता की लकीरें खिच गई हैं। अरहर व धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। बारिश के कारण धान की फसल गिरने से उत्पादन पर असर पड़ेगा। खेतों में पानी भर जाने से कटी फसल के सड़ने की आशंका बढ़ गई है। किसान पानी से फसल बाहर निकालने की जुगत में लगे दिखे।
धान खराब होने से चितित हैं किसान :
-गैंसड़ी क्षेत्र के किसान मेला राम मौर्या, रामसरन, इरफान, कांशीराम, बरसाती ने बताया कि लगातार बारिश होने के कारण धान की फसल गिर गई है। किसानों के खेत में पानी भर गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग के बगल कवही नाला के मनोरथ के खेत में पानी भर गया है। रविवार को उसने धान की कटाई की थी। मनोरथ ने बताया कि पानी में भीग चुकी फसल को मेढ़ पर रखकर सुखाया जा रहा है, लेकिन बारिश होने से कोई लाभ नहीं मिल रहा है। अगेती प्रजाति का धान जल्दी तैयार हो जाने के कारण काफी किसानों ने धान काटकर खेत में रख दिया था। दो दिनों से हो रही बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। सिरसिहवा के किसान शिवजीत सिंह ने बताया कि रविवार को सरसों की बोआई की थी। खेत में पानी भर गया है। ऐसे में बीज अंकुरित नहीं हो पाएगा। सादुल्लाहनगर के विशुनपुर खरहना, दतलूपुर, सरायाखास, सहजौरा, गोकुलाबुजुर्ग, कुरथुआ खानपुर गांवों के किसान धान की फसल खराब होने की आशंका से चितित हैं। इसी तरह ललिया, मकुनहवा, भवनियापुर, लखनीपुर, भुसैलिया, इटैहिया, लौकहवा, बनघुसरी, पिट्ठा गांवों में धान की फसल खराब हो गई है।
फसलों को करें सुरक्षित :
- पचपेड़वा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी डा. अंकित तिवारी ने बताया कि मानसून की विदाई के बाद भी वर्षा का दौर अभी थमा नहीं है। वर्षा होने से धान व अन्य फसलों पर भी प्रभाव पड़ेगा। फसलों के खराब होने, गिरने से बचाने के लिए किसान सतर्क रहें। फसलों की कटाई कर उसको सुरक्षित स्थानों पर रखने का प्रबंध कर लें।