अब जलजमाव से बढ़ा संक्रमण का खतरा, अब तक डेंगू का एक रोगी
जगह-जगह फैला कूड़ा बजबजाती नालियों से मच्छरों की भरमार है जो बीमारियों का कारण बन रहे हैं।
बलरामपुर: गांव से लेकर शहर तक जलभराव व गंदगी है। चारों तरफ पानी, जगह-जगह फैला कूड़ा, बजबजाती नालियों से मच्छरों की भरमार है जो बीमारियों का कारण बन रहे हैं। फागिग भी बीमारी फैलने पर ही की जाती है। ठंड व गर्म का उतार चढ़ाव भी है। ऐसे माहौल में खानपान में जरा सी लापरवाही आपको बीमार बना सकती है। पिछले साल डेंगू के सात मरीज मिले थे। इस साल भी एक मिला है। लोगों को सतर्क रहकर स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की जरूरत है।
कैसे फैलता है डेंगू:
डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। शरीर पर चीते जैसी धारियों वाला यह मच्छर खासकर सुबह काटता है। डेंगू पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस ज्यादा होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो वह उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है।
क्या है लक्षण:
बीमारी पनपने की मियाद तीन से 10 दिन भी हो सकती है, लेकिन 35 दिनों बाद रोग के लक्षण दिखने लगते हैं। ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार आना, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों व आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना,जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना। गले में हल्का दर्द होना। शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल गुलाबी रंग के रैशेज होना मुख्य लक्षण हैं।
यह बरतें सावधानी:
कार्यस्थल व घरों के आसपास सफाई का ध्यान रखते हुए जलजमाव न होने दें। इंडिया मार्का हैंडपंप का ही पानी पिएं। पानी टंकी, कूलर, गमले के पानी को बदल दें। टायर, टूटे बर्तन में भी पानी न रहने दें। फुल बांह वाली कमीज व पैंट पहने। मच्छरदानी लगाकर सोएं। खाने से पहले हाथ धोएं। खुले में शौच न करें। बच्चों को जेई के दोनों टीके लगवाएं। बुखार होने पर सामान्य पानी की पट्टी हाथ, पेट व पांव पर रखें। बुखार में पानी, नारियल, शिकंजी जैसे तरल पदार्थो का प्रयोग अधिक करें।
-डा. एके सिघल, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी