जल संरक्षण की ठानी, भवन सहेजेंगे बारिश का पानी

पंचायत भवन स्कूल व आंगबाड़ी केंद्रों पर भी पहल बहकर नहीं बर्बाद होगा बरसात का जल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:01 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:01 PM (IST)
जल संरक्षण की ठानी, भवन सहेजेंगे बारिश का पानी
जल संरक्षण की ठानी, भवन सहेजेंगे बारिश का पानी

बलरामपुर: गिरते भूगर्भ जल स्तर को कम करने व बेवजह जलभराव की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार अब जल संरक्षण पर जोर दे रही है। जल संचयन के कारवां को आगे बढ़ाने के लिए गत दिनों प्रधानमंत्री ने 'कैच द रेन' यानी बारिश को कैद करो, थीम दी थी। फिर बारिश चाहे जब भी हो।

यह अभियान 22 मार्च से 30 नवंबर 2021 तक देश में प्री-मानसून और मानसून अवधि के दौरान तक के लिए निर्धारित है। इसका असर रहा कि सरकार अब सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग व्यवस्था अनिवार्य कर दी है। पंचायत भवनों, आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों समेत अन्य सरकारी भवनों में रेनवाटर हार्वेस्टिग की व्यवस्था रहेगी। इससे बारिश का पानी भवनों की छत पर संचयन कर वहां से सीधे जमीन के अंदर सहेज दिया जाएगा।

अब तक तुलसीपुर ब्लाक भवन में यह सुविधा थी, लेकिन अब हर्रैया सतघरवा, उतरौला ब्लाक के अलावा पचपेड़वा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में भी व्यवस्था की जा रही है।

31.5 लाख से 45 पंचायत भवनों में भी होगी रेन वाटर हार्वेस्टिग:

ग्रामीणों को भी रेनवाटर हार्वेस्टिग के प्रति आकर्षित करने के लिए जिले में विभिन्न ब्लाकों के 45 ग्राम पंचायत भवन चिह्नित किए गए हैं। प्रति ग्राम पंचायत भवन पर 70 हजार रुपये खर्च कर उनमें रेन वाटर हार्वेस्टिग सुविधा शुरू कराई जाएगी। इसे देखकर ग्रामीण भी अपने घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सुविधा लगवाएंगे जिससे गांवों में बेवजह जलभराव कम हो जाएगा।

वर्जन:::

सभी विभागों में रेन हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने के लिए अनुमानित लागत का प्रस्ताव तैयार किया गया है। कुछ विभागों ने तत्परता दिखाते हुए इसे लगवा भी लिया है। निर्माण संबंधित विभाग की ओर से ही कराना है। शासन को स्टीमेट भेजा गया है। बजट मिलते ही कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

-अनिरुद्ध यादव, नोडल अधिकारी, लघु सिचाई एवं भूगर्भ जल विभाग

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