उतरौला गोवंश तस्करी का हब, नकेल कसेगी कब
एक माह में चार गोवंश तस्कर मुठभेड़ में गिरफ्तार खाकी के इकबाल को दे रहे चुनौती
बलरामपुर: उतरौला तहसील क्षेत्र के गांव गोवंश तस्करी का हब बन गए हैं। गोवंशों की तस्करी पर नकेल न कसना खाकी के इकबाल पर सवालिया निशान लगा रहा है। आलम यह है कि गोवध करने वालों को पकड़ने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इसमें अक्सर उन्हें आरोपितों की गोली का भी शिकार होना पड़ता है।
एक माह के बीच उतरौला व रेहराबाजार थाना क्षेत्र से तीन गोवंश तस्करों को मुठभेड़ में पकड़ गया है। इसमें एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी। पुलिस मुठभेड़ में आरोपितों की गिरफ्तारी कर पीठ तो थपथपा लेती है, लेकिन तस्करी का जाल बुनने वाले गिरोह के सरगना तक खाकी के हाथ नहीं पहुंच रहे हैं। खास बात यह है कि थानों पर गोवंश तस्करी के मुकदमे भी गिनती के हैं। ऐसे में गोवध करने वालों के हौसले बुलंद हैं।
गोवंशों की सुरक्षा पर उठे सवाल:
-26 सितंबर की रात रेहराबाजार पुलिस ने महदेइया सिरसिया गांव में तीन लोगों को गोवध का प्रयास करते हुए रोका। आरोपितों ने पुलिस पर फायरिग कर दी, तो बचाव में पुलिस को भी गोली चलानी पड़ी। जुम्मनडीह गांव निवासी मकबूल को फायरिग से घायल कर दबोच लिया गया। जबकि उसके दो साथी भागने में कामयाब रहे। इस मुठभेड़ में आरक्षी विनोद वर्मा भी घायल हो गया। अब पुलिस अन्य दो आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
16 अगस्त को उतरौला पुलिस ने पिपरा रामचंदर गांव के पास मुठभेड़ के दौरान हिस्ट्रीशीटर गोवंश तस्कर पुरैना कानूनगो निवासी राजू उर्फ मुस्ताक व पुरैना वाजिद गांव निवासी बाढ़ू उर्फ सई को गिरफ्तार किया था। दोनों मामलों में गोवंश तस्करों के पास से देशी तमंचा, जिदा कारतूस व खोखा बरामद हुए। गोवध करने वालों की मनबढ़ई से गोवंशों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग गए हैं। आए दिन उतरौला क्षेत्र में गोवध की घटनाएं होती हैं, लेकिन वादी के दिलचस्पी न लेने से मुकदमे दर्ज नहीं हो पा रहे हैं।
नहीं बख्शे जाएंगे आरोपित:
-एसपी हेमंत कुटियाल का कहना है कि हाल ही में पचपेड़वा के भाथर गांव में गोवध आरोपित कल्लू उर्फ अब्बास को भी मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया था। उतरौला क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी थाना प्रभारियों को अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है। गोवंश तस्कर किसी भी हाल में बख्शे नहीं जाएंगे।