डिप्लोमा इंजीनियर्स ने स्थानांतरण नीति के खिलाफ खोला मोर्चा
सिविल डिप्लोमा इंजीनयर्स संघ के पदाधिकारियों ने स्थानांतरण नीति का विरोध किया
बलरामपुर :
सिविल डिप्लोमा इंजीनयर्स संघ के पदाधिकारियों ने स्थानांतरण नीति का विरोध किया है। बिना किसी ठोस कारण के प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण, प्रोन्नति, एसीपी, स्थाईकरण समेत सेवा संबंधी प्रकरण को वर्षों तक लंबित रखने के खिलाफ कलेक्ट्रेट में नारेबाजी की। जूनियर इंजीनयर्स, सहायक अभियंता को उत्तरदायी बनाकर किए जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ जलशक्ति मंत्री को संबोधित ज्ञापन सहायक भूलेख अधिकारी राजेश श्रीवास्तव को सौंपा।
संघ के जनपद सचिव एसके मेहता ने कहाकि समस्याओं को लेकर प्रमुख अभियंता परियोजना से हुई वार्ता व 21 सितंबर को दिए गए सकारात्मक आश्वासन के बाद आंदोलन स्थगित कर दिया गया था। आश्वासन के अनुरूप कार्यवाही न होने के कारण मंगलवार से प्रदेश के सभी जनपदों में संघर्ष कार्यक्रम शुरू किया गया है। उप्र डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के मंडल अध्यक्ष वीएन उपाध्याय ने कहाकि प्रमुख अभियंता परियोजना ने उप्र मंत्रिमंडल से अनुमोदित स्थानांतरण नीति 29 मार्च 2018 के विपरीत पूर्वाग्रह व द्वेषभावपूर्ण तरीके से जूनियर इंजीनियर्स को स्थानांतरित कर इरादतन प्रताड़ित किया जा रहा है। स्थानांतरण नीति में किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं किया गया है। सहायक अभियंता ऋषिराज ने कहाकि जूनियर इंजीनियर्स को समूह-ग के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। इनके स्थानांतरण के लिए नीति में पटल परिवर्तन का प्रावधान है। इसके साथ ही बीमारी, सेवानिवृत्ति में दो वर्ष शेष रहने पर स्वैच्छिक स्थानांतरण, बच्चों की शिक्षा, संघ के पदाधिकारियों को स्थानांतरण में संरक्षण दिए जाने की व्यवस्था है। साथ ही बिना किसी साक्ष्य स्पष्टीकरण व पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किए ही मनमाने ढंग से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण, पति-पत्नी को एक ही स्थान पर रखे जाने के आधार पर स्थानांतरण का प्रावधान है। इन सबका खुला उल्लंघन करके जूनियर इंजीनियर्स का तबादला दूरस्थ किया गया। स्थानांतरण पक्षपातपूर्ण, पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर किया गया है। ओपी सिंह, पीके सिंह, अरविद यादव, मनोज कुमार, राकेश कुमार, ज्ञानचंद यादव, गिरीश चंद्र, नीरज शर्मा, हारून मौजूद रहे।