आधार व पोर्टल की खामियों में उलझी नौनिहालों की यूनिफार्म

ड्रेस व जूता-मोजा की राह देख रहे 256705 छात्र-छात्राएं

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 10:33 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 10:33 PM (IST)
आधार व पोर्टल की खामियों में उलझी नौनिहालों की यूनिफार्म
आधार व पोर्टल की खामियों में उलझी नौनिहालों की यूनिफार्म

बलरामपुर: कोरोना महामारी की दूसरी लहर शांत होने पर लंबे अरसे बाद स्कूल गुलजार हैं। एक माह से परिषदीय स्कूलों में नौनिहाल बिना ड्रेस व जूता-मोजा के आ रहे हैं। वजह इस बार जूता-मोजा, बैग, यूनिफार्म व स्वेटर की धनराशि सीधे बच्चों के अभिभावकों के खाते में भेजी जानी है।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफार्मर (डीबीटी) के लिए आधार व बैंक खातों की फीडिंग शुरू हो गई है। ऐसे में, आधार में त्रुटि होने व बिना लिंक वाले खातों में पैसा नहीं पहुंच पाएगा। इससे अधिकांश नौनिहालों को ड्रेस से वंचित होना पड़ सकता है। दूसरी तरफ आधार की खामियों को दुरुस्त कराने के लिए बैंकों में लंबी कतार लग रही है।

बीईओ की उदासीनता पड़ रही भारी:

इस बार सामग्री खरीद न करके सीधे अभिभावकों के खाते में 1056 रुपये भेजे जाने हैं। खातों में धनराशि पहुंचाने की योजना शुरू होते ही खटाई में पड़ गई। सबसे खराब हालत उतरौला ब्लाक संसाधन केंद्र की है। यहां 127 प्राथमिक, 72 उच्च प्राथमिक व 34 कंपोजिट विद्यालयों में करीब 15500 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। खंड शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार की उदासीनता से फीडिग का कार्य सुस्त है। वह पोर्टल में खराबी की दुहाई देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। अब तक कितने बच्चों की डीबीटी फीडिग हुई, इसकी जानकारी बीईओ को नहीं है।

यहां सुस्त है फीडिग की चाल:

बीआरसी गैंड़ासबुजुर्ग में डीबीटी फीडिग काफी सुस्त है। यहां 111 प्राथमिक, 80 उच्च प्राथमिक व 21 कंपोजिट स्कूलों में 15423 बच्चे पंजीकृत हैं। इनके सापेक्ष अब तक 46 बच्चों की ही डाटा फीडिग हो सकी है। इसी तरह तुलसीपुर के 160 प्राथमिक, 44 उच्च प्राथमिक व 48 कंपोजिट स्कूलों में 33040 छात्र पंजीकृत हैं।

बीईओ अरुण कुमार वर्मा ने बताया डीबीटी फीडिग करीब 40 प्रतिशत पूरी हो गई है। कुल कितने बच्चों की फीडिग हुई, इसका पता नहीं है।

शिक्षक संगठनों ने डीबीटी फीडिग का किया विरोध:

जिले के 1247 प्राथमिक, 333 उच्च प्राथमिक व 317 कंपोजिट स्कूलों में 256705 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। 1056 रुपये के हिसाब से 27 करोड़ 10 लाख 80 हजार 480 रुपये अभिभावकों के खातों में भेजे जाने हैं। उधर, शिक्षक संगठनों ने डीबीटी फीडिग का विरोध करते हुए हाथ खड़े कर लिए हैं। ऐसे में, बच्चों को समय पर ड्रेस मिलना टेढ़ी खीर नजर आ रहा है।

तेजी लाने के निर्देश:

बीएसए डा. रामचंद्र का कहना है कि डीबीटी फीडिग कार्य में तेजी लाने के निर्देश सभी बीईओ को दिए गए हैं। साथ ही अभिभावकों से भी बैंक खाता व आधार की त्रुटियों को ठीक कराने की अपील की है।

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