वसूली के आरोपी सर्जन के सामने अस्पताल प्रशासन मौन

अस्पताल के सामने चलाता निजी नर्सिग होम वसूली व ओपीडी से रहते गायब

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 10:02 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 10:02 PM (IST)
वसूली के आरोपी सर्जन के सामने अस्पताल प्रशासन मौन
वसूली के आरोपी सर्जन के सामने अस्पताल प्रशासन मौन

बलरामपुर: जिला संयुक्त अस्पताल में एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी चल रही है। यहां गर्भवती से वसूली करने वाला सर्जन अपनी हरकतों को सुधारने के बजाय उल्टा चिकित्सालय प्रशासन पर ही दबाव बनाना चाह रहा है। यही नहीं वह अब भी अस्पताल के सामने ही निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज कराने की उम्मीद लेकर आए मरीजों व तीमारदारों को अपने यहां भर्ती कर उनकी जेब खंगाल रहा है। बाहर से दवाएं लिखने, आयुष्मान मरीजों से वसूली की शिकायतें लगातार मिल रही हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है।

खलवा मुहल्ला के तुलसीदास गुप्ता पत्नी नीलम का प्रसव कराने जिला संयुक्त चिकित्सालय आया था। यहां सात हजार रुपये मांगे। न देने पर वापस लौटा दिया गया। दूसरे दिन दस हजार रुपये की मांग की गई। रुपये न देने पर गर्भवती को भगा दिया गया। जिला महिला अस्पताल में महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। तुलसीदास ने डीएम समेत अन्य अधिकारियों को शिकायत कर आरोप लगाया है कि सर्जन व स्वास्थ्य कर्मियों की संवेदनहीनता के चलते उसके बच्चे की मौत हो गई।

दो साल पूर्व आयुष्मान मरीज से की थी वसूली:

वर्ष 2019 में इसी सर्जन ने उतरौला क्षेत्र के कटरा गांव के गरीबदास की पुत्री गायत्री देवी का पथरी आपरेशन करने के लिए 12 हजार रुपये वसूले थे। स्वजन ने रोगी सहायता केंद्र पर शिकायत दर्ज कराई,लेकिन कुछ नहीं हआ। तीमारदारों से वसूली करने, उन्हें बहला फुसलाकर अपने अस्पताल ले जाने,बाहर से दवाएं व जांच लिखने का आरोप कई बार लग चुका है।

मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. प्रवीण कुमार का कहना है गर्भवती से वसूली करने वाले आरोपी चिकित्सक का वेतन रोककर जवाब मांगा गया है। पहले भी शिकायतें मिली थी, तब भी चेतावनी दी गई थी।

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