एसडीएम मुख्यालय अटैच, तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच
16 सितंबर तक कार्रवाई न होने पर कार्य बहिष्कार कर कलेक्ट्रेट में धरना देने की दी चेतावनी सीसी कैमरे की फुटेज देख डीएम ने की कार्रवाई
बलरामपुर: विद्युत उपकेंद्र तुलसीपुर परिसर में अवर अभियंता संतोष मौर्य व कर्मियों की धुनाई मामले में जिलाधिकारी श्रुति ने उपजिलाधिकारी विनोद सिंह को जिला मुख्यालय से संबद्ध करते हुए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच सौंपी है। कमेटी जांच रिपोर्ट तीन दिन में देगी। दूसरी तरफ एसडीएम व पुलिस कर्मियों के खिलाफ निलंबन व मुकदमा लिखाने की मांग पर अड़े विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने 16 सितंबर तक कार्रवाई न होने पर कार्य बहिष्कार कर कलेक्ट्रेट में धरना शुरू करने की चेतावनी दी है।
बीते मंगलवार को रात में एसडीएम तुलसीपुर ने अवर अभियंता व अन्य कर्मियों की कमरे में बंद करके जमकर पिटाई की थी। जेई और कर्मियों की पिटाई करते हुए एसडीएम सीसी कैमरे की फुटेज में साफ दिख रहे हैं। गुरुवार को विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ अधिशासी अभियंता बालकृष्ण, एसडीओ तुलसीपुर विमलेंद्र श्रीवास्तव, एसडीओ बलरामपुर योगेश सिंह, राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर समिति के चंदन प्रजापति, आलोक मौर्या ने जिलाधिकारी श्रुति से मुलाकात कर पूरी घटना बताई।
साथ ही उन्हें सीसी कैमरे की फुटेज भी दिखाई जिसमें एसडीएम पुलिस कर्मियों के साथ पिटाई करते दिख रहे हैं। अधिशासी अभियंता बालकृष्ण ने बताया कि फुटेज में एसडीएम व पुलिस कर्मियों को साफ देखा जा सकता है। बताया कि एसडीएम को मुख्यालय से संबद्ध करने के साथ एडीएम अरूण कुमार शुक्ल, एएसपी अरविद मिश्र व अधीक्षण अभियंता विद्युत ललित कुमार की कमेटी गठित कर जांच सौंपी है। संघर्ष समिति ने अपर जिलाधिकारी को तत्काल कार्रवाई का ज्ञापन दिया।
बिजली कर्मियों की हड़ताल से उपभोक्ता परेशान
बलरामपुर: शोषण के विरोध में संविदा व निविदा बिजली कर्मचारी हड़ताल पर हैं। लखनऊ में चल रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल होने के लिए जिले के कर्मचारी गए हैं। जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
कारण, कर्मचारियों के जाने के बाद जिले में बिजली आपूर्ति बाधित होने समेत अन्य समस्याओं को ठीक करने व आपूर्ति बहाल कराने के लिए यहां कर्मचारी नहीं हैं। ऐसे में, उपभोक्ता विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। बिजली कर्मियों की हड़ताल से नगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों की बिजली व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई है। फाल्ट होने पर उसे दुरुस्त करने में कई घंटे लग जाते हैं, जिससे उपभोक्ताओं को हलकान होना पड़ता है।
उधर, हड़ताल पर गए कर्मचारियों का आरोप है कि कम वेतन व मानदेय देकर उनका श्रम नियमों के खिलाफ शोषण किया जा रहा है। 14 घंटे काम करने के बावजूद बहुत कम मानदेय दिया जा रहा है। कई माह मानदेय न मिलने से कर्मचारी भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं।
उप्र पावर कार्पाेरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सौरभ श्रीवास्तव ने कहाकि आउटसोर्सिग के माध्यम से कार्य कर रहे संविदा बिजली कर्मचारियों को मस्टररोल व्यवस्था के तहत समायोजित कर समान कार्य का समान वेतन दिया जाए। न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रुपये निर्धारित कर समय-समय पर सरकार से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ दिलाया जाए।
जिला मंत्री शिवकुमार पांडेय ने कहाकि उप्र पावर कार्पोरेशन दोहरी नीति अपनाते हुए सैनिक कल्याण निगम से तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों का 24 हजार रुपये का अनुबंध करता है। समान कार्य व समान पद पर संविदाकारों के माध्यम से तैनात आउटसोर्सिग कर्मचारियों का 11 हजार रुपये का अनुबंध किया जाता है। इसमें से कर्मचारियों के हाथ में मात्र आठ से नौ हजार रुपये ही प्राप्त होते हैं। इतनी कम धनराशि से परिवार का भरण-पोषण व ब<स्हृद्द-क्तञ्जस्>चों की शिक्षा-दीक्षा में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में, संविदा निविदा बिजली कर्मियों की मांगे न मानी जाने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। जिले के कर्मी लखनऊ पहुंचकर आंदोलन में शामिल हो रहे हैं।
घंटों बिजली कटौती से उपभोक्ता हलकान
बलरामपुर: नगर व ग्रामीण क्षेत्र की बिजली आपूर्ति एक महीने से लगातार बदहाल है। कभी 132 केवीए लाइन में फाल्ट बताकर घंटों बिजली काट दी जाती है तो कभी 33 केवीए की कमी बताकर बिजली गुल कर दी जाती है। एक महीने से लगातार दिन व रात में बिजली की आपूर्ति का कोई रोस्टर नहीं रह गया है। उमस भरी गर्मी में असमय हो रही लंबी कटौती से उपभोक्ताओं का धैर्य जवाब दे रहा है। रात के समय हो रही लंबी कटौती का जवाब देने के लिए किसी भी अधिकारी का फोन भी रिसीव नहीं होता।
नगर को दो अलग-अलग जगहों से आपूर्ति दी जाती है। टाउन-वन को बदलपुर उपकेंद्र और टाउन-टू को विद्युत उपकेंद्र उतरौला से आपूर्ति होती है। दोनों फीडरों के अतिरिक्त महुआ, रूरल व बदलपुर स्टेशन की आपूर्ति एक समान रूप से बाधित होती है। आपूर्ति मिलने के बाद सुभाषनगर, रफीनगर, पटेलनगर में तारों के टूटने का जो सिलसिला शुरू होता है उसके चलते लोकल फाल्ट के नाम पर भी कटौती हो रही है।
20 घंटे की घोषित आपूर्ति छह से आठ घंटे के बीच सिमट कर रह गई है। उपभोक्ता मनीष पांडेय, सुहेल अहमद, राकेश कुमार, संतोष कुमार, राज बहादुर, शमशाद अली, संगम लाल समेत सैकड़ों लोगों की शिकायत है कि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी पूरी तरह निरंकुश हो चुके हैं इन्हें जनता की परेशानी नजर नहीं आ रही है।
उपमंडलीय अधिकारी पीएस श्रीवास्तव का कहना है कि इमरजेंसी रोस्टिग व मेन सप्लाई बाधित होने के कारण पिछले कुछ दिनों से आपूर्ति व्यवस्था अव्यवस्थित हुई है। जर्जर तारों को बदलवाने के लिए विभाग के कर्मचारियों को आदेश दिया गया है। शेड्यूल के अनुरूप बिजली देने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।