स्कूल रह गए बदरंग, लापरवाही न बढ़ा दे संक्रमण

गंदगी की भरमार व स्वछता किट का अभाव स्कूल से गायब रहना गुरुजी की आदत में शुमार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 10:30 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 10:30 PM (IST)
स्कूल रह गए बदरंग, लापरवाही न बढ़ा दे संक्रमण
स्कूल रह गए बदरंग, लापरवाही न बढ़ा दे संक्रमण

बलरामपुर: परिषदीय विद्यालयों का ताला खुले एक माह बीत गया, लेकिन गुरुजनों की कार्यशैली नहीं बदली है। आए दिन स्कूलों से गायब होना शिक्षकों की आदत शुमार हो चुका है। विभागीय अधिकारी निरीक्षण कर कार्रवाई भी करते हैं, फिर भी असर नहीं है। यही नहीं, विद्यालयों की सूरत बदलने के लिए आपरेशन कायाकल्प कागजों में सिमट गया।

कंपोजिट ग्रांट की धनराशि भी मनमानी की भेंट चढ़ गई। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को प्रशासन एड़ी चोटी की जोर लगा रहा है। वहीं, स्कूलों में व्याप्त गंदगी व कोविड प्रोटोकाल का मखौल समस्या बढ़ा सकता है। आलम यह है कि अधिकांश स्कूलों से स्वच्छता भी नदारद है। गुरुजन भी बिना मास्क के ही ड्यूटी निभा रहे हैं। कुछ ऐसा रहा स्कूलों का नजारा:

क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय अगयाखुर्द में 127 बच्चे पंजीकृत हैं। इंचार्ज प्रधानाध्यापिका मिलन यादव समेत तीन शिक्षक बिना मास्क के बैठे मिले। परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। हैंडपंप बदहाल व खिड़की टूटी हुई है। कंपोजिट ग्रांट महज कागजों में खर्च कर डकार लिया गया।

उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रेमनगर का ताला बंद मिला। बरामदे में बेसहारा पशुओं का जमावड़ा लगा हुआ था। बगल में बने प्रथामिक विद्यालय के सहायक अध्यापक ने बताया कि इंचार्ज प्रधानाध्यापिका अवकाश पर हैं। स्वच्छता किट नहीं है।

मध्याह्न भोजन का कंवर्जन कास्ट अभी बच्चों के खाते में नहीं पहुंचा है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय आदमपुर में शिक्षक शशि कपूर बैठे मिले। प्रधानाध्यापक विनीत सिंह ने मोबाइल पर बताया कि 22 बच्चों का नामांकन है। शौचालय बदहाल व हैंडपंप दूषित पानी दे रहा है। परिसर में गंदगी है। कंपोजिट विद्यालय चवईबुजुर्ग में 220 बच्चों का नामांकन है। यहां आठ अध्यापकों की तैनाती है। इनमें से सहायक अध्यापक राहुल कुमार, पुष्पेंद्र राठी, नीतू वर्मा, संगीत यादव मौजूद रहीं। कायाकल्प के तहत लगवाए गए टाइल्स जगह-जगह टूटे मिले। विद्यालय में चारों तरफ गंदगी की भरमार दिखी।

लिया जाएगा स्पष्टीकरण:

खंड शिक्षा अधिकारी महेंद्र नाथ त्रिपाठी का कहना है कि विद्यालय में उपस्थित न रहने वाले अध्यापकों से स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा। कंपोजिट ग्रांट के तहत खर्च हुई धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र लेकर जांच कराई जाएगी। कमियां मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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