जर्जर सड़क ने बढ़ाई राहगीरों की परेशानी

सिटकिहवा मोड से मटियरिया को जाने वाली सड़क बदहाल है। बारिश से 50

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 Oct 2021 10:04 PM (IST) Updated:Sat, 30 Oct 2021 10:04 PM (IST)
जर्जर सड़क ने बढ़ाई राहगीरों की परेशानी
जर्जर सड़क ने बढ़ाई राहगीरों की परेशानी

ललिया (बलरामपुर) :

सिटकिहवा मोड से मटियरिया को जाने वाली सड़क बदहाल है। बारिश से 500 मीटर सड़क कट गई है। इससे राहगीरों को आवागमन में परेशानी होती है। बड़े वाहन भी नहीं निकल पाते हैं। साइकिल व बाइक सवार जान जोखिम में डालकर गुजरते हैं। मार्ग पर जगह-जगह गड्ढा हो गया है। आशोक, ओम प्रकाश व प्रीतम ने बताया कि बरसात से पूर्व इस सड़क की मरम्मत हुई है, लेकिन बारिश के बाद पुन: सड़क बदहाल हो गई। गिट्टियां उजड़ गई है। सड़क के गड्ढे में वाहनों के पहिए फंस जाते है। राहगीर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। फिर भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। खंड विकास अधिकारी सागर सिंह ने बताया कि सड़क मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा गया है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं ही घटा सकती है मातृ-मृत्यु दर बलरामपुर :

मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित मातृ-मृत्यु की समीक्षा में चिकित्सा सेवाओं की बेहतरी पर जोर दिया गया। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. बीपी सिंह ने कहा कि हर माह हिदायत दी जाती है कि सभी नर्स मेंटर प्रसव कक्ष की स्थिति पर नजर रखें। वहां की समस्याओं से अवगत कराएं। सरकार मौतों के कारणों की समीक्षा कर रही है जिससे पिछली गलतियों को सुधारकर इलाज व्यवस्था की खामियां को दूर किया जा सके। यह तभी संभव है जब चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी दोनों मिलकर अपने दायित्वों का निर्वहन गंभीरता से करेंगे। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी अरविद मिश्र ने कहा कि आशा कार्यकर्ता प्रत्येक दशा में 24 घंटे के भीतर मातृ मृत्यु की सूचना दें। इसके लिए पुरस्कार की भी व्यवस्था है। मातृ स्वास्थ्य जिला परामर्शदाता विनोद त्रिपाठी ने कहा कि अनुमानित 128 के सापेक्ष सितंबर तक 32 मातृ मृत्य हुई है। 22 मामलों का कम्युनिटी डेथ आडिट कर लिया गया है। एसीएमओ डा. एके शुक्ला व डा.अनिल चौधरी, पुनीत मणि त्रिपाठी, प्रेरणा डेविड, पूनम तिवारी, मोनी त्रिपाठी, नीलम, अनीता, शालिनी श्रीवास्तव मौजूद रहीं।

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