घटा नदी का जलस्तर, गांवों में अब कटान की दहशत

103.550 मीटर पर बह रही राप्ती नदी बाल व मिट्टी की बोरी डाल कटान रोकने का दावा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 10:37 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 10:37 PM (IST)
घटा नदी का जलस्तर, गांवों में अब कटान की दहशत
घटा नदी का जलस्तर, गांवों में अब कटान की दहशत

बलरामपुर: जिले में बारिश थमने के बाद राप्ती नदी का जलस्तर घटने लगा है। नदी खतरे के निशान से नीचे आकर स्थिर हो गई है। बुधवार को नदी का जलस्तर 103.550 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 1.07 मीटर नीचे नदी है। इससे तटवर्ती गांवों में बसे ग्रामीणों को कटान का भय सताने लगा है। उधर बाढ़ खंड के अभियंता बालू व मिट्टी की बोरी के सहारे कटान रोकने का दावा कर रहे हैं। उतरौला क्षेत्र के परसौना व गोनकोट में कराए गए कटानरोधी कार्य नाकाफी हैं। इससे ग्रामीण पल-पल अपनी बढ़ती तबाही को देखकर दहशत में हैं। ऐसे तो रुकने से रही कटान :

-राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद कटान को रोकने के लिए बाढ़ खंड ने भले ही प्रयास शुरू करने का दावा किया हो, लेकिन वह नाकाफी है। राप्ती नदी के तट पर बसे ग्राम लालनगर, गोनकोट, बौड़िहार, परसौना में तटबंध व आबादी की सुरक्षा के लिए कटान निरोधक कार्य के नाम पर महज मिट्टी व बालू की बोरियां डालकर कोरम पूरा किया जा रहा है। गोनकोट निवासी रामधीरज व मंशाराम ने बताया कि हर साल नदी किसानों की कृषि योग्य भूमि को निगल जाती है। बाढ़ खंड के अभियंता मानूसन सत्र शुरू होने के बाद सक्रिय होते हैं, लेकिन तब तबाही से निपटना मुश्किल होता है। समय रहते कटान रोकने का उपाय करना अफसर मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। परसौना निवासी अली अहमद व राजकरन ने बताया कि हर साल कटान में भारी नुकसान होता है। इस बार भी तबाही की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

की जा रही निगरानी :

-अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड जेके लाल ने बताया कि राप्ती नदी के संवेदनशील कटान बिदुओं की निरंतर निगरानी की जा रही है। नदी कटान को रोकने के लिए कटान निरोधक कार्यों का निरीक्षण भी किया जा रहा है।

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