राखी के धागों में दिखेगा भाई-बहन का प्यार, पाएंगी रोजगार

ले रहीं डिजाइनदार राखियां बनाने का प्रशिक्षण अपनी बनाई राखी बांधेगी बहनें कमाएंगी मुनाफा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 11:21 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:21 PM (IST)
राखी के धागों में दिखेगा भाई-बहन का प्यार, पाएंगी रोजगार
राखी के धागों में दिखेगा भाई-बहन का प्यार, पाएंगी रोजगार

बलरामपुर: रक्षाबंधन नजदीक आ रहा है। बहनों ने अभी से अपने भाइयों के लिए सुंदर व विशेष राखी की तलाश शुरू कर दी है। भाई की कलाई पर सजा बहना का प्यार स्पेशल हो, इसके लिए स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं अलग-अलग डिजाइन की राखियां बनानें में जुटी हैं। वैसे तो बाजार में रेशम वाली राखियों की मांग अधिक है, लेकिन चावल के दाने, कलावा, मोती वाली राखियां भी आकर्षण का केंद्र रहती हैं। प्रशिक्षण लेने के बाद समूह की महिलाएं अपने घर पर राखी तैयार करेंगी। तैयार होने के बाद इन्हें ब्लाकों व विकास भवन समेत अन्य स्थानों पर स्टाल लगाकर बेचेंगी। इससे जहां प्रशिक्षण लेने वाली तमाम बहने अपने हाथ से बनाई राखी भाई की कलाई पर बांध सकेंगी, वहीं सभी बहनें सस्ते में डिजाइन वाली राखियां खरीद सकेंगी जो समूहों की महिलाओं के लिए आमदनी का जरिया होगा। राखी से मजबूत होगी स्नेह के साथ समृद्धि की डोर:

सदर ब्लाक सभागार में विभिन्न समूहों की महिलाओं को स्पंच, कलावा, मोती व जूरी, पेपर, स्टोन वाली समेत अन्य डिजाइन की राखियां बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षक शमीमा खान ने बताया कि राखी भले ही त्योहारी व्यवसाय है, लेकिन इसमें चार से पांच गुना मुनाफा है। बताया कि चार-पांच रुपये की लागत से तैयार राखी 20 से 25 रुपये में आसानी से बिक जाती है। प्रशिक्षण में आई रसूलाबाद की जीवन ज्योति समूह की सदस्य नीलम मौर्या का कहना था कि यह उसके लिए खुशी की बात है कि इस रक्षा बंधन पर वह भाई को अपने हाथ की बनी राखी बांधेगी। प्रशिक्षण ले रही गंगा स्वयं सहायता धुसाह की समूह सखी पूजा कसौधन ने बताया कि राखी बिक्री से आए मुनाफे को समूह की सभी महिलाओं में बांटा जाएगा।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक अखिलेश कुमार मौर्य ने बताया कि सदर ब्लाक के साथ उतरौला ब्लाक में भी शनिवार से प्रशिक्षण दिया जाएगा। 450 महिलाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है जिन्हें किराया व भोजन भी दिया जा रहा है।

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