पीएम की थाप पर मछली पालन, संवरेगा जीवन

खाने के साथ ही सजावटी मछलियों के उत्पादन पर जोर मछली पालन व बिक्री से जुड़े लोगों को मिलेगा लाभ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 10:23 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 10:23 PM (IST)
पीएम की थाप पर मछली पालन, संवरेगा जीवन
पीएम की थाप पर मछली पालन, संवरेगा जीवन

बलरामपुर: किसान सम्मान निधि योजना के बाद अब केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार अब मछली पालन व उसकी बिक्री करने वालों को सालाना 3000 रुपये की आर्थिक सहायता देने जा रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लाभार्थियों को 1500-1500 रुपये दो किस्तों में मिलेंगे। इसके लिए आनलाइन पंजीकरण कराना होगा।

मत्स्य विभाग ने इसका लाभ अधिक से अधिक मछुआरों को दिलाने की कवायद शुरू कर दी है। योजना में खाने वाली मछलियों के अलावा एक्वेरियम की सजावटी मछलियों के पैदावार पर जोर देकर मत्स्य पालन को परंपरागत की जगह व्यवसायिक रूप देकर अधिक कमाऊ बनाने की तैयारी है।

वहीं, योजना में अब तक 150 से ज्यादा मत्स्य पालक अपना पंजीयन करा चुके हैं। जिले में 1500 मत्स्य पालक परिवार हैं। इनकी जनसंख्या एक लाख 26 हजार बताई जा रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इनके साथ उन परिवारों के लिए भी वरदान साबित होने जा रही है जो किसी न किसी रूप से मछली पालन से जुड़े हुए हैं।

नोट ::: इसी में से नंबर गेम भी निकाल लें:::

फैक्ट फाइल:

जिले में मत्स्यपालन से जुड़े परिवार - 1500

जिले में मछुआरों की जनसंख्या - 126000

मछली पालन वाले तालाबों की संख्या - 6600

सर्वाधिक मछली पालन वाले ब्लाक- गैंसड़ी व पचपेड़वा

मछली पालन वाले तालाबों का क्षेत्रफल - 5619.1 हेक्टेयर

निजी भूमि पर बने तालाब जहां पाली जा रही मछली-100 हेक्टेयर

जिले में औसत मछली उत्पादन-16000 टन प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में आनलाइन आवेदन की व्यवस्था है, लेकिन एक से 31 दिसंबर तक ही किया जा सकता है। इच्छुक अभ्यर्थी बैंक पास बुक, आधार कार्ड, जाति प्रमाणपत्र व शपथपत्र देकर आवेदन कर सकते हैं।

वर्जन:::

आवेदक यदि सामान्य जाति का है जो उसे जाति प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं है, केवल सौ रुपये के स्टांप पेपर पर मछली पालन से जुड़ने की इच्छा का शपथ पत्र ही देना होगा।

- विनोद कुमार वर्मा, सहायक निदेशक मत्स्य

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