स्थिति थी विकराल फिर भी मीरू बन गए गोपाल

घायल पशुओं की सूचना मिलते ही पहुंचते हैं दोस्तों के संग दवा के साथ चारे-पानी का करते हैं इंतजाम

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 10:35 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 10:35 PM (IST)
स्थिति थी विकराल फिर भी मीरू बन गए गोपाल
स्थिति थी विकराल फिर भी मीरू बन गए गोपाल

बलरामपुर: कोरोना संक्रमण में जहां लोग एक दूसरे की मदद करना तो दूर मिलना तक नहीं चाह रहे थे, वहीं तुलसीपुर के नई बाजार निवासी मीरू शाह बेसहारा जानवरों के लिए गोपाल बन गए। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं संग बीमार और भूखे गोवंशों का इलाज कराकर उन्हें चारा पानी खिलाते रहे। गोसेवा का यह सिलसिला निरंतर जारी है।

वह जहां भी गायें चोटिल या बीमार होती हैं, वहां साथियों संग पहुंचकर उनका इलाज कराते हैं। जब तक वह ठीक नहीं हो जातीं, तब तक उनकी सेवा करते हैं। साथ ही गोवंशों के चारे-पानी का भी इंतजाम करते हैं। अब तक मीरू 200 से अधिक बेसहारा पशुओं के जख्म पर मरहम लगा चुके हैं।

फोन पर देते हैं सूचना:

क्षेत्र में कहीं भी बेसहारा पशु दुर्घटनाग्रस्त हो, बीमार हो या भूखा-प्यासा हो तो इसकी सूचना लोग मीरू को फोन पर सूचना देते हैं। सूचना मिलते ही वह अपने पांच दोस्तों के साथ तत्काल पहुंचते हैं। जब तक बेसहारा पशु ठीक नहीं हो जाता है, तब तक वह उसकी देखभाल करते हैं। चारा-पानी तक उसे देते हैं।

कुएं में गिरी गाय से मिली समाज सेवा की प्रेरणा:

अमित शाह मीरू बताते हैं कि करीब पांच साल पूर्व इटवा चौराहे के पास एक गाय कुएं में गिर गई थी। उन्होंने देखा तो गाय के आंख से आंसू निकल रहे थे, लेकिन वह बेबस थी। उनसे रहा न गया। तत्काल क्रेन मंगवाकर गाय को बाहर निकाला। कुएं से बाहर निकालने के बाद वह गाय उनके पास ही खड़ी रही, जिसे देख वह भावविभोर हो उठे। बस यहीं से उन्होंने बेसहारा गोवंशों की सेवा को जिदगी का मकसद बना लिया।

सराहनीय पहल:

नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष फिरोज पप्पू समेत शहर के बुद्धिजीवी वर्ग व स्थानीय लोगों ने आमिर शाह मीरू व उनके दोस्तों की इस पहल को सराहनीय बताया है। कहा कि मीरू ने लाकडाउन के दौरान आमजन व गोवंशों की जो सेवा की है, वह सराहनीय है।

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