मूलभूत सुविधाओं का अभाव, विद्युत उपकेंद्र का नहीं शुरू हो सका निर्माण
बलरामपुर 50 से अधिक गांवों में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
बलरामपुर
50 से अधिक गांवों में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व बेहतर इलाज नसीब नहीं हो रहा है। खेतों की सिचाई के लिए किसान निजी संसाधनों पर निर्भर हैं। उतरौला पंप हाउस नहर का पानी सिचाई के लिए क्षेत्रीय लोगों को नहीं मिल पाता है। नहर के पानी से पड़ोसी जनपद सिद्धार्थ नगर के खेतों की सिचाई होती है।
बालिकाओं को हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए मिर्जापुर जाना पड़ता: क्षेत्र में बालिकाओं की उच्च शिक्षा के लिए राजकीय हाईस्कूल व इंटर कालेज तक नहीं है। गौरा चौराहा के आसपास रहने वाली बालिकाओं को हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए मिर्जापुर जाना पड़ता है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की किशोरियां आठवीं पास करने के बाद घर में बैठ जाती हैं। लोगों को इलाज मुहैया कराने के लिए बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नंदनगर में चिकित्सकों की कमी है। इससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पाती है।
क्षेत्र की सड़कें भी बदहाल हैं। गौरा-बेलहा, जैतापुर व गणेशपुर जाने वाली सड़कें जर्जर हैं। सड़क किनारे फुटपाथ न होने से राहगीर अक्सर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। बिजली उपकेंद्र का निर्माण अधर में होने से ग्रामीणों को सुचारू रूप से बिजली नहीं मिल पाती है। सेवरहा के विजय प्रकाश मौर्य, गौरा त्रिकोलिया के प्रधान नरेंद्र वर्मा, अनूप पांडेय व मुकेश गुप्त का कहना है कि गौरा चौराहा को ब्लाक व विद्युत उपकेंद्र बनवाने के लिए नौबस्ता मुड़िला में जमीन चिह्नित कर शिलान्यास किया गया था। लेकिन उससे आगे प्रक्रिया नहीं बढ़ सकी।