दिखावा बनकर रह गया 'खुशहाल परिवार दिवस'

फोटो खींचकर कर ली खानापूर्ति अधिकारी भी नहीं दे पा रहे जानकारी गिने-चुने दंपती पहुंचे अस्पताल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 09:34 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 09:34 PM (IST)
दिखावा बनकर रह गया 'खुशहाल परिवार दिवस'
दिखावा बनकर रह गया 'खुशहाल परिवार दिवस'

बलरामपुर: जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए सोमवार को आयोजित 'खुशहाल परिवार दिवस' दिखावा साबित हुआ। कारण प्रचार-प्रसार के अभाव में न तो इसकी लोगों को जानकारी हो पाई और न ही जरूरतमंद लोगों को परिवार नियोजन के साधनों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित ही किया जा सका। इक्का दुक्का अस्पतालों में जहां दंपती जानकारी लेने पहुंचे भी वहां से उन्हें बिना संतुष्ट हुए वापस कर दिया गया। यह हालत तब है जब स्वास्थ्य सेवाओं की रैकिग में जिले में परिवार नियोजन साधनों के प्रयोग की हालत चिताजनक है। खराब आंकड़ों के चलते समीक्षा बैठकों में जिला स्तरीय अधिकारी दुबके नजर आते हैं फिर भी लापरवाही छोड़ने को तैयार नहीं है।

परिवार कल्याण के कार्यक्रमों को गति प्रदान करने के लिए सोमवार को खुशहाल परिवार दिवस मनाया जाना था। इसमें उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाएं, साल भर पहले प्रसव करा चुकी महिलाएं व नवविवाहित दंपती, तीन या तीन से अधिक बच्चे वाले दंपती को फोकस कर उन्हें परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी दी जानी थी।

वहीं, जिला संयुक्त चिकित्सालय को छोड़कर अन्य सभी जगहों पर यह दिवस पूरी तरह से लापरवाही की भेंट चढ़ गया। संयुक्त अस्पताल में महिला चिकित्सक डा. नगमा ने आने वाले दंपती को परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी दी। स्टाफ नर्स सुनीता ने 15 महिलाओं को इनका प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया, लेकिन अन्य सभी स्थानों पर कार्यक्रम पूरी तरह से कागजी साबित हुए।

हैरत की बात यह है कि किन अस्पतालों में खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन हुआ। इसकी जानकारी भी विभागीय अधिकारी नहीं दे पाए। कार्यक्रम देख रहे आकाश का कहना है कि आयोजन तो सभी अस्पतालों में होना था, लेकिन हुआ कि नहीं इसकी रिपोर्ट शाम तक ही पता चल पाएगी।

इस बाबत मुख्य चिकित्साधिकारी डा. विजय बहादुर सिंह का कहना है कि सभी अधीक्षकों को आयोजन का निर्देश दिया गया था। उनसे आयोजन की जानकारी मांगी गई है।

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