घट गए डाक्टर व नर्सिग स्टाफ, तीसरी लहर को कैसे देंगे मात

लड़खड़ा रहीं स्वास्थ्य सेवाएं आकस्मिक चिकित्सा सेवाएं भी प्रभावित

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:17 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:17 PM (IST)
घट गए डाक्टर व नर्सिग स्टाफ, तीसरी लहर को कैसे देंगे मात
घट गए डाक्टर व नर्सिग स्टाफ, तीसरी लहर को कैसे देंगे मात

बलरामपुर: कोरोना की तीसरी लहर की आहट सुनाई देने लगी है, लेकिन अस्पतालों की हालत पहले से भी खराब होती जा रही है। जिला संयुक्त चिकित्सालय, जिला मेमोरियल अस्पताल व महिला चिकित्सालय में चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की कमी से स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा रहीं हैं। हालत यह है कि ओपीडी में नब्ज टटोलने के लिए कोई डाक्टर न ही वार्डो में मरीजों का हाल पूछने के लिए कोई स्टाफ नर्स।

जिला संयुक्त अस्पताल में एक बाल रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ व सर्जन हैं जबकि हृदय रोग विशेषज्ञ, एनेस्थेटिस्ट, फिजीशियन, महिला रोग विशेषज्ञ, त्वचा व आंख कान गला रोग के डाक्टर नहीं है। इमरजेंसी चलाने के लिए चार डाक्टर चाहिए, लेकिन वह भी एक ही है। ऐसे में, यहां आकस्मिक चिकित्सा सेवाएं भी वेंटीलेटर पर पहुंच गई हैं जबकि दूसरी लहर में यह अस्पताल कोरोना मरीजों के लिए एक मात्र सहारा बना था। यहां संबद्ध डाक्टर दिन रात मेहनत कर संक्रमितों की जिदगी बचा रहे थे। इस बार यह भी संभव नहीं लग रहा है। पहली लहर में लोगों के लिए एक मात्र सहारा रहे जिला मेमोरियल अस्पताल डाक्टरों की संबद्धता खत्म होने के बाद भी पूरी तरह से लाचार है।

वहीं, फिजीशियन, चेस्ट फिजीशियन, सर्जन, नेत्र रोग विशेषज्ञ की कमी से जूझ रहे अस्पताल में आपातकालीन व सर्जरी समेत अन्य चिकित्सा सेवाएं बंद होने के कगार पर पहुंच गई है। यहां पूरे अस्पताल में संविदा की तीन स्टाफ नर्स हैं। इनके सहारे टीकाकरण व वार्ड ड्यूटी किसी तरह चल रही है। कुछ ऐसा ही हाल ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों का है। कहीं फार्मासिस्ट तो कहीं वार्ड ब्वाय अस्पताल चला रहे हैं। ऐसे में, यहां मरीज आते ही रेफर का पर्चा थमा दिया जाता है। इन परिस्थितियों में यदि तीसरी लहर आई तो फिर स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। नहीं हो पा रही संविदा कर्मियों की भरपाई:

कोरोना काल में भर्ती स्वास्थ्य कर्मियों की संविदा खत्म होने के बाद उन्हें मुक्त कर दिया गया, ऐसे में उनकी भी भरपाई नहीं हो पा रही है। 35 स्टाफ नर्स समेत अन्य कर्मियों के चले जाने से वार्ड ड्यूटी, आपरेशन, टीकाकरण प्रभावित हो रहा है। अस्पताल प्रशासन मरीजों को भर्ती करने से हाथ खड़े कर रहे हैं। जिला संयुक्त अस्पताल :

पद - स्वीकृत - तैनाती

डाक्टर - 32 - 7

स्टाफ नर्स - 14 - 4 मेमोरियल जिला अस्पताल :

पद - स्वीकृत - तैनाती

डाक्टर - 25 - 8

स्टाफ नर्स - 12 - 00

फार्मासिस्ट - छह - तीन मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन तैनाती पर एक नजर:

पद स्वीकृत तैनाती

डाक्टर -129 - 102

फार्मासिस्ट -68 - 58

लैब टेक्नीशियन - 19 - 13

एएनएम - 238 - 105 समस्याओं के बावजूद पूरी तरह से तैयार: सीएमओ

प्रभारी सीएमओ डा. बीपी सिंह का कहना है कि जिला अस्पतालों में डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी कम होने से चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। दोनों मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों ने शासन को पत्र भी लिखा है जिस पर डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मी मिलने हैं। संसाधनों की कमी के बावजूद विभाग तीसरी लहर से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। जरूरत पड़ने पर ग्रामीण अंचलों के डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।

chat bot
आपका साथी