रात में नहीं खुलता एक भी मेडिकल स्टोर, तड़पते रहते मरीज

दवा के लिए भटकते रहते तीमारदार खतरे में पड़ जाती जान - दोनों अस्पतालों के सामने एक मेडिकल स्टोर खुले रखने की मांग

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 10:25 PM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 10:25 PM (IST)
रात में नहीं खुलता एक भी मेडिकल स्टोर, तड़पते रहते मरीज
रात में नहीं खुलता एक भी मेडिकल स्टोर, तड़पते रहते मरीज

बलरामपुर: बाढ़ से जूझ रहे जिले में संक्रामक बीमारियों के फैलने के साथ जहरीले जीवों के काटने की घटनाएं भी बढ़ रही है। मुख्यालय पहुंचने पर आपातकाल में अक्सर चिकित्सक कुछ बाहरी दवाएं भी लिख देते हैं, लेकिन उनका मिलना मुश्किल हो जाता है। कारण अस्पताल के आसपास एक भी मेडिकल स्टोर खुला नहीं रहता है।

पूरा तराई क्षेत्र बाढ़ की विभीषिका से दिन रात जूझ रहा है। संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं। साथ ही जहरीले जीवों के काटने पर लोग जान बचाने को इमरजेंसी में अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां परेशानी उस समय बढ़ जाती है जब चिकित्सक कुछ दवाएं बाहरी लिख देते हैं।

दवाओं को खरीदने के लिए पर्चा लिए तीमारदार रात भर भटकते रहते हैं। फिर भी दवा नहीं मिलती। ऐसे में, कभी-कभार तो मरीजों की स्थिति और भी खराब हो जाती है। बीती रात भी एक विषैले जंतु के काटने का मामला इमरजेंसी में पहुंचा। जहां डाक्टर ने कुछ दवाएं बाहर की लिखीं, मगर आसपास एक भी मेडिकल स्टोर खुला न होने के कारण तीमारदार भटकते रहे। हालांकि, मरीज की अब स्वस्थ है। तीमारदारों का कहना है कि रात में मेडिकल स्टोर बंद होने से बहुत परेशानी होती है। जरूरी दवाओं के अभाव में कई बार तो मरीज की जान बचाना भी मुश्किल हो जाता है।

टेढ़ी बाजार के डा. तुलसीश दूबे ने बताया कि जिला अस्पताल के सामने कम से कम एक मेडिकल स्टोर रात में जरूर खुला होना चाहिए। यहां मरीजों की सहूलियत का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। संजय शुक्ल, भगवती प्रसाद शुक्ल, गौरव मिश्र ने बताया कि जिला मेमोरियल अस्पताल के सामने कम से कम एक मेडिकल स्टोर रात में जरूर खुला रखा जाए।

ड्रग एवं औषधि निरीक्षक राजू प्रसाद ने बताया कि अन्य जिलों में यह व्यवस्था पहले से लागू है। यहां ऐसा नहीं है तो गलत है। शीघ्र ही केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों से वार्ता कर अस्पताल के सामने भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी।

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