रेमडेसिविर का था अकाल, अब 250 डंप इंजेक्शनों का नहीं ख्याल

पैरासीटामाल की 20 लाख एजीथ्रोमाइसिन की आठ लाख खुराक उपलब्ध बचों के लिए 250 कोरोना किट सुरक्षित

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 10:51 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 10:51 PM (IST)
रेमडेसिविर का था अकाल, अब 250 डंप इंजेक्शनों का नहीं ख्याल
रेमडेसिविर का था अकाल, अब 250 डंप इंजेक्शनों का नहीं ख्याल

बलरामपुर: दूसरी लहर में रेमडेसिविर इंजेक्शन और फेरापिराविर जैसी अहम दवाओं का अकाल पड़ गया था। दूसरे जिलों से चोरी छिपे इंजेक्शन मंगवाकर लगवाया था, लेकिन अब इन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। सीएमओ कार्यालय परिसर स्थित औषधि गोदाम में 250 रेमडेसिविर इंजेक्शन डंप है। साथ ही अन्य दवाएं भी धूल फांक रहीं हैं। तीसरी लहर को रोकने के लिए कोरोना किट के भी पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। सीएमएस स्टोर में पैरासीटामाल, एजीथ्रोमाइसिन समेत अन्य दवाओं की उपलब्धता काफी मात्रा में है।

सीएमएसडी स्टोर के नोडल डा. वीरेंद्र आर्या ने बताया कि बुखार दूर करने के लिए पैरासीटामाल की 20 लाख, एजीथ्रोमाइसिन की आठ लाख खुराक मौजूद है। इसके अलावा जिक व विटामिन-सी की भी पर्याप्त खुराक उपलब्ध है। बच्चों के लिए 250 कोरोना किट रोक गया है जिसकी जरूरत पड़ने पर अस्पतालों को मुहैया कराई जाएगी। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एके सिघल ने बताया कि 90 हजार किट आई थी। इसे प्रत्येक अस्पताल पहुंचाकर आशा के माध्यम से लोगों का बंटवा दिया गया है। कालाबाजारी की आशंका:

दूसरी लहर में मांग बढ़ने पर रेमडेसिविर की कालाबाजारी ने अन्य वस्तुओं की ओवर रेटिग के सभी रिकार्ड तोड़ दिए थे। चार हजार रुपये का इंजेक्शन 15 से 20 हजार में भी बिका था और तीमारदारों ने अपने स्वजन की जान बचाने के लिए इतनी अधिक रकम देने में भी कोई कोताही नहीं की थी। रेमडेसिविर और फेरापिराविर की कालाबाजारी तीसरी लहर के दौरान भी होने की आशंका है, लेकिन जिले में इसे रोकने की अभी कोई नीति नहीं बनी है। ऐसा इसलिए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग और औषधि प्रशासन विभाग एक तरह से इन दवाओं को गैर जरूरी बता रहा है।

सीएमओ डा. सुशील कुमार ने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त दवाएं हैं। दवाओं की किल्लत से ही कालाबाजारी होती है, लेकिन इस बार यह नौबत नहीं आएगी।

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