प्रसव पीड़ा से अधिक अव्यवस्था व भ्रष्टाचार का दर्द
लंबी कतारों में टूटा शारीरिक दूरी का नियम कुर्सी छोड़ गायब रहते चिकित्सक व कर्मी
बलरामपुर: ओपीडी शुरू होते ही जिला महिला अस्पताल की स्थिति खराब होने लगी है। भीड़भाड़ व धक्का-मुक्की के साथ बाहरी जांच व दवाओं के चलते तीमारदार लुट रहे हैं। चिकित्सक व कर्मी कुर्सी छोड़कर अक्सर गायब हो जाते हैं, जिससे मरीजों की संख्या व दर्द दोनों बढ़ता चला जाता है। परेशान तीमारदार कभी इधर तो कभी उधर दौड़ लगाते है, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिलती। काफी देर बाद जब उनका नंबर आता है, तो डाक्टर बाहर की जांच व दवाओं का पर्चा थमाकर निश्शुल्क इलाज के सपने पर पानी फेर देते हैं।
यही हाल एसएनसीयू वार्ड का भी है, जहां बच्चा भर्ती कराने के लिए वसूली की जाती है। आनाकानी करने पर बहानेबाजी कर बच्चे को अलग रेफर कर दिया जाता है। पूरे अस्पताल में लूटखसोट व लापरवाही से मरीजों व तीमारदारों का दर्द बढ़ता जा रहा है।
तड़पती प्रसूताओं को देख करते हैं मोलभाव:
जिला महिला अस्पताल में आने वाली गर्भवती को प्रसव पीड़ा से अधिक लूटखसोट व अव्यवस्था का दर्द सहना पड़ रहा है। कोई कितना भी तड़पे, लेकिन बिना मुट्ठी गरम किए कोई डाक्टर हाथ नहीं लगाता है। यही नहीं, तड़पती प्रसूताओं को देखकर ही स्वास्थ्य कर्मी भी सौदा तय करने से पीछे नहीं हटते। जांच व इलाज में बहानेबाजी कर कर्मचारी इधर-उधर टहलते रहते हैं। कदम-कदम पर वसूली से परेशान तीमारदार किसी से शिकायत भी करें तो उनकी सुनवाई नहीं होती है।
आलम यह है कि वसूली में जुटे चिकित्सक व स्टाफ नर्स बिना रुपया लिए कोई सिफारिश नहीं सुनते हैं। प्रसव से लेकर एसएनसीयू वार्ड तक हो रही लूटखसोट से तीमारदार खून के आंसू रोने को विवश रहते हैं।
सीएमएस डा. विनीता राय ने बताया कि लिखित शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी। दोषी मिलने पर कार्रवाई भी होगी। अस्पताल में व्यवस्था सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।