सरकारी भवनों में नहीं लग सका रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट
एक लाख 20 हजार रुपये की लागत से बनी थी वर्षा जल संचयन पाइप लाइन 300 वर्ग मीटर एरिया में बनेगा प्लांट
बलरामपुर: वर्षा जल संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ी तो है लेकिन, अब भी सरकारी कार्यालय रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं कर पाए हैं। कलेक्ट्रेट और विकास भवन में भी रेन वाटर हार्वेस्टिग नहीं है। वर्षा जल को संचित करने के लिए सिर्फ विकास खंड हर्रैया सतघरवा में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट बना है। उसकी भी पाइप टूटी है। लघु सिचाई विभाग ने विकास भवन व सदर ब्लाक में रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट निर्माण के लिए स्टीमेट तैयार कर भेजने का दावा कर रहा है।
वहीं, बीते चार दिन से लगातार बारिश हो रही है। विकास भवन व कलेक्ट्रेट समेत अन्य सरकारी इमारतों की छत से वर्षा का पानी सीधे जमीन पर गिरता है और बर्बाद हो जाता है। मानसून सक्रिय होने से पहले हर साल वर्षा के जल को संरक्षित करने के लिए गोष्ठियों का आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जाता है लेकिन, आला अफसर स्वयं अपनाने को तैयार नहीं है। तहसील, कृषि भवन, संयुक्त चिकित्सालय समेत सभी अस्पतालों में वर्षा जल संचयन के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।
टूट गई पाइप:
जिले में हर्रैया सतघरवा ब्लाक में ही एक मात्र रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट बना है। वर्षा का पानी संरक्षित करने के लिए पाइप लाइन बनाई गई है। जो रखरखाव के अभाव में टूट गया है। खंड विकास अधिकारी सागर सिंह ने बताया कि एक लाख 20 हजार रुपये की लागत से बनाया गया था। पाइप मरम्मत का कार्य शीघ्र ही कराया जाएगा।
300 वर्ग मीटर एरिया हो तो बनवाएं जल संचयन प्लांट:
विनियमित क्षेत्र के अवर अभियंता अजीत श्रीवास्तव के मुताबिक शहर के ऐसे निजी भवन व कार्यालय जिनका एरिया 300 वर्ग मीटर से अधिक है, उन्हें रेन वाटर हार्वेस्टिग प्लांट बनवाना होगा। निर्देश पूर्व में ही जारी किया जा चुका है।
बजट मिलते ही होगा निर्माण:
लघु सिचाई के अवर अभियंता सुशील कुमार का कहना है कि सरकारी विभागों के भवनों में वर्षा जल संचयन के लिए वाटर हार्वेस्टिग प्लांट का स्टीमेट तैयार किया जा रहा है। बजट मिलते ही प्लांट का निर्माण कराया जाएगा।