रात में किसान जला रहे पराली, पर्यावरण को नुकसान

प्रशासन की सख्ती और निगरानी के बावजूद किसान खेतों में पराल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 Oct 2021 09:32 PM (IST) Updated:Fri, 29 Oct 2021 09:32 PM (IST)
रात में किसान जला रहे पराली, पर्यावरण को नुकसान
रात में किसान जला रहे पराली, पर्यावरण को नुकसान

महराजगंज तराई (बलरामपुर):

प्रशासन की सख्ती और निगरानी के बावजूद किसान खेतों में पराली जलाकर प्रदूषण फैला रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कृषि विभाग और स्थानीय प्रशासन धान की कटाई के बाद अवशेष न जलाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। लेकिन कुछ किसान इन जागरूकता कार्यक्रमों की धज्जियां उड़ाने से पीछे नहीं हट रहे हैं।

धान की कटाई के बाद गेहूं की बोआई के लिए किसान खेत में पराली जला रहे हैं। तुलसीपुर क्षेत्र के ग्राम बदलपुर, उदईपुर, छतुआपुर, परसपुर, कौवापुर, परसिया कला, हरिहरनगर, सुगानगर, दांदव, रामस्वरुपपुरवा गांव में किसानों के खेतों से धुआं उठता देखा जा सकता है। किसान धान की पराली को खेत से उठाने के बजाए वहीं पर जला देते हैं। इससे पर्यावरण प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। साथ ही खेत के मिट्टी की उर्वरता भी नष्ट हो रही है। इस गंभीर समस्या से किसान अनजान हैं।

जिला कृषि अधिकारी आरपी राणा का कहना है कि लेखपाल और राजस्व टीम पराली जलाने वालों की निगरानी कर रही है। दो एकड़ से कम क्षेत्रफल में पराली जलाने पर 2500 रुपये जुर्माना है। जबकि पांच एकड़ के लिए 5000 और इससे अधिक क्षेत्रफल वालों से 15000 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। अधिवक्ताओं के लिए नहीं है पर्याप्त मेज

बलरामपुर :

नवीन न्यायालय परिसर के बरामदे में मेज की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण अधिवक्ताओं को न्यायिक कार्य करने में असुविधा हो रही है। अधिवक्ता संजय, सूर्य प्रकाश ने बताया कि न्यायालय के सामने बरामदों में मात्र कुर्सियां रखी हैं मेज न होने के कारण लिखा-पढ़ी नहीं हो पा रही है। अधिवक्ताओं ने जनपद न्यायाधीश से मांग किया है कि व्यक्तिगत मेज रखने के लिए अनुज्ञा दें। इससे कार्य करने में सुविधा होगी।

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