बजट खर्च पूरा, गांवों में बिजली का काम अधूरा

वजह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना को भ्रष्टाचार का करंट लग गया है। सौभाग्य योजना के दूसरे चरण में 1435 मजरों को विद्युतीकरण के लिए चयनित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 10:22 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 10:22 PM (IST)
बजट खर्च पूरा, गांवों में बिजली का काम अधूरा
बजट खर्च पूरा, गांवों में बिजली का काम अधूरा

बलरामपुर: विद्युत विभाग की लापरवाही व कार्यदायी संस्थाओं की मनमानी से गांवों का अंधेरा दूर नहीं हो पा रहा है। वजह, प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना को भ्रष्टाचार का करंट लग गया है। सौभाग्य योजना के दूसरे चरण में 1435 मजरों को विद्युतीकरण के लिए चयनित किया गया। कागजों में तो इन मजरों में ट्रांसफार्मर व खंभे लगाकर तार खींच दिए गए, लेकिन हकीकत इससे दूर है। आलम यह है कि कई बार योजनाओं में चयनित होने के बाद भी सैकड़ों गांवों में बल्ब नहीं जल सके हैं। विभागीय अधिकारियों की साठगांठ से कार्यदायी संस्थाओं ने अधूरा कार्य कराकर भुगतान भी प्राप्त कर लिया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के लोग आज भी बिजली के अभाव में तमाम बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं। पेश है रिपोर्ट :

-जिले के हर घर को बिजली से रोशन करने के लिए वर्ष 2019-20 में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना को सौभाग्य में समाहित कर लिया गया। दूसरे चरण में 1453 मजरों को ऊर्जीकृत करने के लिए चयनित किया गया। इसके लिए करीब 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया। कार्यदायी संस्था मेसर्स ट्रांसरेल लखनऊ को गैंसड़ी, रेहराबाजार, गैंड़ासबुजुर्ग, हर्रैया सतघरवा, बलरामपुर, श्रीदत्तगंज व उतरौला की जिम्मेदारी दी गई। सहयोगी संस्था मेसर्स बजाज को पचपेड़वा, तुलसीपुर, श्रीदत्तगंज व उतरौला में विद्युतीकरण का कार्य सौंपा गया। दोनों संस्थाओं ने कागजों में तो गांवों को संतृप्त कर दिया, लेकिन हकीकत इससे परे है।

दूसरे चरण में इन कार्यों का दावा:

-पचपेड़वा के 63 मजरों में 1439 खंभे व 1681 कनेक्शन।

-तुलसीपुर के 157 मजरों में 953 खंभे व 2025 कनेक्शन।

-गैंसड़ी के 224 मजरों में 522 खंभे व 2635 कनेक्शन।

-रेहराबाजार के 179 मजरों में 530 खंभे व 2126 कनेक्शन।

-गैंड़ासबुजुर्ग के 126 मजरों में 486 खंभे व 973 कनेक्शन।

-हर्रैया सतघरवा के 241 मजरों में 424 खंभे व 2995 कनेक्शन।

-बलरामपुर के 229 मजरों में शून्य खंभे व 1262 कनेक्शन।

-श्रीदत्तगंज के 115 मजरों में 110 खंभे व 595 कनेक्शन।

-उतरौला के 78 मजरों में 151 खंभे व 865 कनेक्शन। इन क्षमताओं के लगे ट्रांसफार्मर:

-63 केवीए के लगाए गए तीन ट्रांसफार्मर।

-25 केवीए के लगाए गए 208 ट्रांसफार्मर। तीसरे चरण में होंगे अधूरे कार्य:

-अधीक्षण अभियंता ललित कुमार का कहना है कि जिन मजरों में सर्वेक्षण के बाद नए घर बने हैं, वहीं बिजली नहीं पहुंची है। तीसरे चरण का कार्य प्रस्तावित है। सभी छूटे हुए मजरों को तीसरे चरण में ऊर्जीकृत कर दिया जाएगा।

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