बिना मान्यता वाले शिक्षण संस्थानों पर नहीं नकेल, शुरू हो गई मनमानी

बिना मान्यता के 159 स्कूलों को बंद कराने का जारी हुआ था फरमान

By JagranEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 10:20 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 10:20 PM (IST)
बिना मान्यता वाले शिक्षण संस्थानों पर नहीं नकेल, शुरू हो गई मनमानी
बिना मान्यता वाले शिक्षण संस्थानों पर नहीं नकेल, शुरू हो गई मनमानी

बलरामपुर: भले ही नीति आयोग जिले की बुनियादी शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए गंभीर हो, लेकिन शिक्षा विभाग के अफसर अपनी जिम्मेदारियों से किनारा कर रहे हैं। कोरोना महामारी की दूसरी लहर शांत होने के बाद स्कूलों के खुलने का आदेश हुआ, तो बिना मान्यता वाली शिक्षा की दुकानें भी खुल गई।

जिले में मानक विहीन विद्यालयों पर शिकंजा कसने को अफसर गंभीर नहीं हैं। नतीजा, 300 से अधिक निजी स्कूल बिना मान्यता के ही धड़ल्ले से फलफूल रहे हैं।

जिले में करीब तीन साल पहले फर्जी मिले 159 स्कूलों को नोटिस जारी की गई थी। इसके बाद अफसर यहां झांकने तक नहीं गए। कोरोना महामारी ने जब पांव पसारे तो सभी स्कूलों में ताले पड़ गए। इस बीच विद्यालय संचालक आनलाइन क्लास के बहाने बच्चों को जोड़कर फीस वसूलते रहे। अब विद्यालय खुलने के बाद प्रबंधकों की पौ बारह हो गई है, लेकिन अफसर जांच करना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।

37 स्कूलों को मिली थी मान्यता:

-वर्ष 2019-20 में 16 निजी स्कूलों को प्राथमिक स्तर की मान्यता दी गई थी। जबकि आठवीं कक्षा तक स्कूल संचालन के लिए मान्यता की फाइलें पटल सहायक ने दबा ली थीं। बाद में विभागीय अधिकारियों ने 21 विद्यालयों को मान्यता देकर सूची जारी कर दी।

159 फर्जी स्कूलों की नहीं हुई जांच:

तत्कालीन जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने 30 फर्जी स्कूलों पर ताले लगवाए थे। इसके पूर्व तत्कालीन बीएसए रमेश यादव ने बिना मान्यता के चल रहे 129 स्कूलों को 15 मई 2018 तक बंद करने का निर्देश दिया था। ये विद्यालय अफसरों की साठगांठ से लगातार चल रहे हैं।

कराई जाएगी जांच:

बीएसए डा. रामचंद्र का कहना है कि अभी विद्यालय खुलने शुरू हुए हैं। जल्द ही मान्यता की जांच कराई जाएगी। बिना मान्यता स्कूल संचालित मिलने पर संबंधित विद्यालय प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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