ड्रेस-बैग न मिलने का मलाल, इंतजार में नौनिहाल
आधार की खामियों में उलझ सकती है धनराशि बैंक खाते दुरुस्त करने में जुटा विभाग
बलरामपुर: लंबे अरसे बाद परिषदीय स्कूलों में पठन-पाठन शुरू हो गया, लेकिन अब तक नौनिहालों को ड्रेस, जूता-मोजा व बैग नसीब नहीं हो सका है। वजह, इस बार इनका वितरण स्कूलों में न होकर अभिभावकों के माध्यम से खरीद करने की बात कही जा रही है। प्रत्येक बच्चे के हिसाब से अभिभावक के खाते में 1100 रुपये भेजे जाएंगे। अब तक खातों में भुगतान प्रक्रिया शुरू न होने से नौनिहालों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
जिले के 1247 प्राथमिक, 333 उच्च प्राथमिक व 317 कंपोजिट स्कूलों में 279110 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। कोरोना महामारी की दूसरी लहर शांत होने के बाद शिक्षण कार्य शुरू हो गया है। नौ दिन से स्कूल खुल रहे हैं, लेकिन अब तक ड्रेस, बैग व जूता-मोजा वितरण की दिशा में कोई प्रगति नहीं है। नतीजा अधिकांश नौनिहाल बिना या पुराने यूनिफार्म के ही स्कूल आ रहे हैं। छात्र-छात्राएं अभी पुराने बैग से ही काम चला रहे हैं।
आधार की खामी में उलझ सकती है धनराशि:
ड्रेस, बैग व जूता-मोजा वितरण के लिए बैंक खातों में रुपये ट्रांसफार्मर की बात कहें तो बच्चों व उनके अभिभावकों का आधार कार्ड एवं बैंक खाता जरूरी है। आधार में नाम, पिता का नाम गलत होने से कई स्कूलों में नौनिहाल पहले ही मध्याह्न भोजन का कन्वर्जन कास्ट पाने से वंचित हो गए हैं। ऐसे में, आधार की यह खामियां उन्हें ड्रेस, बैग व जूता-मोजा की धनराशि से भी महरूम कर सकती हैं। हालांकि, विभागीय अधिकारी विद्यालयों में पंजीकृत छात्र-छात्राओं का बैंक खाता दुरुस्त कराने की जिद्दोजहद में लगे हैं। फैक्ट फाइल :
शिक्षा क्षेत्र : 11
-प्राथमिक स्कूल : 1247
-उच्च प्राथमिक स्कूल - 333
-कंपोजिट स्कूल - 317
-पंजीकृत छात्र - 279110 नहीं मिला कोई आदेश:
बीएसए डा. रामचंद्र का कहना है कि ड्रेस, बैग व जूता-मोजा वितरण के संबंध में अभी कोई शासनादेश नहीं आया है। विद्यार्थियों के अभिभावकों का बैंक खाता दुरुस्त कराया जा रहा है। शासन के निर्देशों का पालन किया जाएगा।