जल्दी पहुंचाने की होड़ में निजी बस लगा रहे खतरे की दौड़

सुहाने सफर का दावा कर थमा रहे स्टूल-तिपाई बेलगाम स्पीड व अनफिट बसें बढ़ा रहीं खतरा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 10:14 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 10:14 PM (IST)
जल्दी पहुंचाने की होड़ में निजी बस लगा रहे खतरे की दौड़
जल्दी पहुंचाने की होड़ में निजी बस लगा रहे खतरे की दौड़

बलरामपुर: बाराबंकी हादसे के बाद भी स्थानीय प्रशासन सबक नहीं ले रहा है। लाकडाउन के दौरान डबल डेकर बसों से आवागमन का शुरू हुआ सिलसिला अभी जारी है। जल्दी व आरामदायक सफर का दावा करते हुए इन बसों के संचालक खतरे की दौड़ लगा रहे हैं।

मथुरा बाजार, ललिया, उतरौला, गैंसड़ी व पचपेड़वा समेत अन्य क्षेत्रों से सवारी बैठाकर पंजाब, मुंबई, गुजरात तक का सफर तय करते हैं। विभाग इन बसों की फिटनेस व परमिट की जांच करता है और न ही इनकी स्पीड पर ही कोई लगाम है।

क्षमता से अधिक सवारी बैठाकर बेरोकटोक बसें निकलती हैं, लेकिन जिम्मेदार तमाशबीन बने रहते हैं। लक्जरी सुविधाएं देने को कहकर किराया भी काफी महंगा वसूलते हैं। मुंबई का 2500, अहमदाबाद राजकोट का 1700, लुधियाना का 1000 किराया लेने के बाद बस में सीट तक नहीं दे पाते हैं।

वहीं, यात्रियों को स्टूल पर बैठाकर कई हजार किलोमीटर का सफर करा देते हैं। रास्ते में एसी खराब कर देना, पहले से सेट ढाबों पर रोक कर यात्रियों को अधिक दाम पर भोजन आदि खरीदने के लिए विवश करने को लेकर अक्सर यात्रियों व चालकों में कहासुनी भी होती है।

कस्बों में तैनात एजेंट वसूल लेते हैं पहले ही किराया:

लाकडाउन के बाद रेल गाड़ियों की संख्या कम होने से डबल डेकर बसों का संचालन मुफीद रहा है। महानगरों में परिवार के साथ फंसे प्रवासी घर पहुंचने के लिए तो कभी शहर पहुंचने के लिए इनका शिकार बन रहे हैं। शिवपुरा, बलदेवनगर, बरदौलिया में तैनात सांईनाथ, जय मां दुर्गे, राप्ती ट्रेवल्स के एजेंट महानगर आने-जाने वालों को फांस लेते हैं जो कमाई का वजह बनती है। फिटनेस व अन्य खामियों की होती है जांच:

- सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरविद कुमार यादव दावा करते हैं कि सभी बसों की फिटनेस समेत अन्य खामियां चेक की जाती हैं। पिछले माह में दो बसों को ओवरलोडिग में बंद किया गया था। शीघ्र ही फिर अभियान चलाया जाएगा।

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