खेतों में भरा बाढ़ का पानी, तबाह हो रही खेती-किसानी

धान बर्बाद होने के बाद अब सूख रहा गन्ना सब्जी किसानों को भी उठाना पड़ रहा नुकसान

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 10:25 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 10:25 PM (IST)
खेतों में भरा बाढ़ का पानी, तबाह हो रही खेती-किसानी
खेतों में भरा बाढ़ का पानी, तबाह हो रही खेती-किसानी

बलरामपुर: जिले में लगातार हुई बारिश से खेतों में पानी भर गया है। हवाएं तेज चलने से गन्ने की फसल गिर गई है। इससे किसान चितित हैं। बारिश से 69 गांवों में 6240 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि जलमग्न हो गई। इससे किसानों की फसलें पूरी तरह तबाह हो गई हैं। धान की रोपाई होते ही तेज बहाव ने उसे बर्बाद कर दिया।

इसके अलावा खेत में पानी भरने से गन्ने की फसल व सब्जियां गलकर खराब हो रही हैं। लंबे समय से जलभराव के कारण अब फसलें पीली दिखने लगी है। पानी तो घट रहा है, लेकिन गन्ने के प्लाटों में हरियाली आने की उम्मीद खत्म हो रही है। पिछले साल भी रेडराट रोग से गन्ना बर्बाद हो गया था। इस बार भी गन्ने से किसानों को धोखा मिलने की आशंका है। फसल बर्बाद होने के बाद अब किसान मुआवजे की आस में बैठे हैं।

सदर ब्लाक के बिराहिमपुर के पास गन्ने के कई प्लाट सूख रहे हैं। श्रीदत्तगंज क्षेत्र के गुलरहा बरगदही, कुशमौर, जिगना, अगयाखुर्द, विथरिया परसपुर, श्रीनगर, इमिलिया, धर्मनगर सहित अन्य गांवों में करीब छह एकड़ गन्ना सूख गया है। इसी तरह अन्य फसलें भी सूखकर बर्बाद हो रहीं हैं।

लगातार बारिश बनी अभिशाप:

श्रीदत्तगंज क्षेत्र के गुलरहा निवासी नंद किशोर, सत्य राम, राकेश वर्मा का कहना है कि किसानों की पूंजी डूब रही है, लेकिन अफसर कुछ नहीं कर रहे हैं। रामेश्वर प्रसाद, अफसर सिंह बताते हैं कि बाढ़ का पानी जमा होने से गन्ने के खेत में कमर तक पानी भरा हुआ है। अशोक कुमार माहेश्वरी का कहना कि फसल बीमा योजना भी महज कागजों में चल रही है। जिम्मेदार अफसर फसल नुकसान का आकलन करना भी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं।

नुकसान का मिलेगा मुआवजा:

जिला कृषि अधिकारी आरपी राणा का कहना है कि बाढ़ग्रस्त गांवों में हुए नुकसान का मुआवजा दिलाया जाएगा। बाढ़ या नहर के पानी से डूबी फसलों के किसान एसडीएम या फिर उन्हें प्रार्थनापत्र देकर मुआवजा मांग सकते हैं। क्षति का आकलन कर मदद दिलाई जाएगी।

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