कोरोना में भी मां का दूध वरदान, जागरूकता अभियान शुरू

सप्ताह भर आशा घर-घर करेंगी जागरूक स्तनपान के तरीके बताकर दूर करेंगी भ्रांति

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:25 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:25 PM (IST)
कोरोना में भी मां का दूध वरदान, जागरूकता अभियान शुरू
कोरोना में भी मां का दूध वरदान, जागरूकता अभियान शुरू

बलरामपुर: तीसरी लहर का असर बच्चों पर पड़ने की आशंका के बीच स्तनपान बचाव का बड़ा हथियार है। रविवार से शुरू हुए विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम 'स्तनपान सुरक्षा की जिम्मेदारी, साझा जिम्मेदारी' है। इसमें 1958 आशा सात दिन अपने क्षेत्र के हर घर पर दस्तक देकर धात्रियों को स्तनपान के सही तरीके व फायदे बताएंगी। आशा, एएनएम, चिकित्सक भी गाढ़े पीले दूध के फायदे बताएंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक शिवेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि पहले दिन उतरौला के ग्राम फत्तेपुर में जनुका जनुकी उप स्वास्थ्य केंद्र की आशा संगिनी सुशीला त्रिपाठी व आशा श्यामराजी ने धात्रियों को स्तनपान के तरीके बताए। प्रभारी सीएमओ डा. बीपी सिंह का कहना है कि गाढ़ा पीला दूध शिशु के लिए अमृत है। जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान से नवजात के मृत्यु दर में 33 फीसद तक कमी लाई जा सकती है। यही नहीं छह माह तक शिशु को स्तनपान कराने से दस्त व निमोनिया के खतरे भी 11 व 15 फीसद कम हो जाते हैं।

सही तरीके से पिलाएं दूध, बच्चा रहेगा रोग मुक्त :

बाल रोग विशेषज्ञ डा. महेश वर्मा ने बताया कि सही समय व तरीके से भरपूर स्तनपान करने वाले बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता अधिक होती है। इससे कोरोना ही नहीं बल्कि अन्य बीमारियां भी पास नहीं आती हैं। छह माह तक शिशु को मां के दूध के अलावा कुछ भी न दें। गर्मियों में पानी भी न पिलाएं। मां का दूध रात में अधिक बनता है,इसलिए रात में अधिक स्तनपान कराएं। कामकाजी महिलाएं अपने स्तन से दूध निकालकर रखें। यह सामान्य तापमान पर आठ घंटे तक पीने योग्य रहता है। कटोरी या कप से पिला दें। मां या शिशु बीमार हों तब भी स्तनपान कराएं। 24 घंटे में छह से आठ बार पेशाब आना, कम से कम दो घंटे की नींद लेना व हर माह करीब 500 ग्राम वजन बढ़ने के लक्षण बता देते हैं कि शिशु को मां का पूरा दूध मिल रहा है।

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